सीधी (ईन्यूज एमपी) - सीधी जिले में राज्य शिक्षा केंद्र एवं जिला शिक्षा केंद्र द्वारा 31 मार्च 2020 के बाद जिले के सभी प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों के खातों से राशि आहरण में रोंक लगाई गई थी इसके बावजूद सीधी विकासखंड में 195 ,कुसमी 117, मझौली 93, सिहावल 174, रामपुर नैकिन में76 सहित कुल 655 चुनिंदा प्रधानाध्यापकों एवं प्रभारी प्रधानाध्यापकों द्वारा लगभग पचास लाख रुपये की शासकीय राशि का दुरुपयोग कर बंदरबाट किए जाने का गंभीर मामला प्रकाश में आया है। जिम्मेदार अधिकारियों की गैर अनुमति से आहरण पर रोंक को ठेंगा दिखाते हुए इतनी ज्यादा मात्रा में शासकीय राशि आहरित की गई यह गंभीर मामला है। जिला परियोजना समन्वयक ने सभी विकासखंडों के ऐसे विद्यालयों की सूची संबंधित बैंकों से संकलित कर ली है ।जिला शिक्षा केंद्र सीधी के पत्र क्र. 618/जि.शि.के./लेखा /2020 दिनांक 18/8/20 द्वारा सभी विकासखंड समन्वयक के माध्यम से विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं प्रभारी प्रधानाध्यापकों द्वारा कार्यालयीन आदेशों की अनदेखी करते हुए 31 मार्च 2020 के बाद विद्यालय के खाते से राशि आहरित या स्थानांतरित किया जाना बताया गया है। जिला परियोजना समन्वयक ने सभी 76 सूचीबद्ध विद्यालयों से जनवरी 2020 से जुलाई 2020 तक की अद्यतन कैशबुक, बाउचर, पासबुक अंकेक्षण हेतु 31-8-2020 तक अनिवार्यतः मंगायी गई है । जारी पत्र में यह भी बताया गया है कि अंकेक्षण पश्चात अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ साथ प्रधानाध्यापकों पर पुलिस प्राथमिकी भी दर्ज कराए जाने की कार्यवाही की जाएगी। किंतु विचारणीय यह होगा कि जब वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशानुसार उक्त विद्यालयों के बैंक खातों में रोंक लगाई गई थी तो किन महाशयों की अनुमति से उक्त संबंधी प्रधानाध्यापकों ने राशि आहरित की?? देखना यह होगा कि जिले में कितने प्रधानाध्यापकों पर अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता के साथ साथ पुलिस प्राथमिकी दर्ज होगी फिलहाल यह तथ्य भविष्य के गर्त में है।