सीधी (ईन्यूज एमपी)-पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत ने ऑनलाइन ठगी से बचने हेतु जिले वासियों के लिए एडवाइजरी जारी की है जिससे किसी के साथ साइबर या ऑनलाइन ठगी ना की जा सके जारी की गई एडवाइजरी में पुलिस अधीक्षक ने कहां है कि- *सावधान!* टेक्नालाॅजी के इस दौर में एक ऐसा गिरोह सक्रिय है, जो फोन काॅल कर, क्विक रिस्पांस (क्यूआर) कोड की स्कैनिंग, कोविड-19, फेसबुक एवं कौन बनेगा करोडपती जैसे विभिन्न माध्यम से लोगों से जानकारी हासिल कर ये गिरोह उनसे ठगी कर रहा है। पुलिस अधीक्षक सीधी श्री पंकज कुमावत, इस प्रकार की ठगी से बचने के मद्देनजर एडवाइजरी जारी कर जिला वासियों से किसी तरह के प्रलोभन या बहकावे में न आने का आग्रह करते है। *।। महत्वपूर्ण संस्थानों के अधिकारी/कर्मचारी बन फोन काॅल कर ठगी।।* किसी भी फोन कॉल पर चाहे वह अपने को बैंक का मैनेजर/कर्मचारी या फिर कॉल सेंटर का होना बताये एवं उसके पास आपका नाम, मोबाइल नम्बर, खाता संख्या आदि की जानकारी भी हो फिर भी उसके साथ अपनी कोई भी जानकारी (जैसे एटीएम कार्ड नम्बर, पिन नम्बर, सीवीवी नम्बर, ओटीपी आदि) शेयर न करें, अन्यथा आप भी इस तरह की धोखाधड़ी के शिकार हो सकतें है। *।। क्विक रिस्पांस (क्यूआर) कोड की स्कैनिंग के माध्यम से ठगी ।।* अज्ञात व्यक्तियों से प्राप्त क्विक रिस्पोंस (क्यूआर) कोड की स्कैनिंग न करें व इस प्रकार के फ्रांड से बचें, क्योंकि यह कोड उनके बैंक खातों की जानकारी लेकर ठगी कर सकते हैं। साइबर अपराधी अब ईमेल, व्हाट्सएप जैसे माध्यम से क्यूआर कोड भेजकर लोगों के बैंक खातों को हैक कर ठगी करने की कोशिश कर रहे हैं। आज के युग में स्मार्ट फोन के बढ़ते उपयोग और मोबाइल ऐप व इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान के नए तरीकों से साइबर धोखाधड़ी बढ़ी है। ऐसे जालसाजों से बचने के लिए ऑनलाइन भुगतान के हर विवरण पर पूरा ध्यान देना चाहिए, अन्यथा आप भी इस तरह की धोखाधड़ी के शिकार हो सकतें है। *।। कोरोना वायरस के नाम पर ठगी ।।* *ऑनलाइन फ्रॉडः-* धोखाधड़ी करने वाले वेबसाइट, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म,सोशल मीडिया अकाउंट, और ई-मेल के माध्यम से दवा और मेडिकल जरूरतों का सामान बेचने का दावा कर रहे हैं. ये सामान डिलीवर करने का दावा भी कर रहे हैं. ये उपभोक्ताओं से पैसे बैंक अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर करने को कहते हैं. *टेलीफोन फ्रॉडः-* लोग आपको फोन करके आपका रिश्तेदार बताते हैं और फिर आपसे यह कहते हैं कि फलां शहर में आपका अमुक रिश्तेदार कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में है. उसका इलाज हॉस्पिटल में चल रहा है. ये ऐसा बताकर फिर आपसे मेडिकल ट्रीटमेंट में आर्थिक सहयोग देने के लिए कहते हैं. *फिशिंगः-* स्वास्थ्य अधिकारी बन कर अपराधी इस महामारी से संबंधित ईमेल्स, लिंक आदि भेज रहे हैं जिसका लक्ष्य लोगों को किसी खास वेबपेज से जोड़ना है ताकि लोग वहां अपनी असली ईमेल आईडी और पासवर्ड प्रयोग करके लॉग इन करें. फिर ये साइबर क्रिमिनल उनकी इन सूचनाओं का प्रयोग कर महत्वपूर्ण संवेदनशील सूचनाओं को हासिल कर इनके बैंक अकांउट से पैसा चोरी कर लेते हैं. *।। फेसबुक के माध्यम से ठगी ।।* पिछले कुछ समय में लोगों के फेसबुक खाते हैक कर उनके परिचितों को मैसेज भेजकर पैसे जमा करने को कह रहे हैं। जिला वासियों से अपील हैं कि अगर किसी फेसबुक खाते से पैसे जमा करने का संदेश आए तो पैसे जमा करने से पहले संबंधित फेसबुक खाते के मालिक को कॉल कर संपर्क कर लें। पिछले तीन महीने में एक दर्जन से ज्यादा ऐसी शिकायतें आई हैं जिन शिकायतों के निस्तारण के दौरान पाया गया कि नब्बे प्रतिशत वही फेसबुक प्रोफाइल हैं, जिनके पासवर्ड के लिए मोबाइल नंबर का प्रयोग किया है या फेसबुक प्रोफाइल को मोबाइल नंबर से बनाया है। अतः आप लोगो से अपील है कि फेसबुक प्रोफाइल बनाते समय पासवर्ड में मोबाईल नंबर, जन्मतिथि या ऐसी कोई सामान्य जानकारी से न बनाये जिसे अपराधी आसानी ब्रेक कर सके, अन्यथा आप भी इस तरह की धोखाधड़ी के शिकार हो सकतें है। *।। कौन बनेगा करोड़पती कें नाम पर ठगी।।* बधाई हो, आपने केबीसी की 25 लाख की लाॅटरी जीती है। आपके पास भी, आपकी लॉटरी लगी है. आपको 25 लाख रुपए का ईनाम मिला है. ईनाम क्लेम करने के लिए आपको अपने अकाउंट से कुछ पैसे भेजने हैं या किसी व्यक्ति से बात करनी है ऐसे ही मैसेज वॉट्सऐप पर आ सकता है। इस तरह की धोखाधडी से बचे व किसी भी खाते में पैसे ना भेजे न ही किसी अनजान व्यक्ति से बात करे अन्यथा आप भी किसी धोखाधडी के शिकार हो सकते है। *क्या करें* - कंप्यूटर, मोबाइल व सोशल मीडिया के लिए मजबूत पासवर्ड बनाये - नवीनतम एन्टी वायरस एवं फायरबॉल का प्रयोग करें - केवल विश्वसनीय वेबसाइट से ही निशुल्क सॉफ्ट वेयर डाउनलोड करें - महत्वपूर्ण डाटा का नियमित बैकअप बनाकर जरूर रखें - मोबाइल का 15 अंकों का आइएमईआई नंबर अपने पास सुरक्षित रखें *क्या न करें* - फाइल शेयरिंग ऑप्शन को बंद करना ना भूले - लैपटॉप व डेस्कटॉप को कभी भी असुरक्षित न छोड़े - किसी सॉफ्टवेयर का नकली वर्जन इस्तेमाल नहीं करें - अनजान डिवाइस को अपने कंप्यूटर के साथ न छोड़े - मोबाइल एप्लीकेशन को अनावश्यक ऑन नहीं रखें *.!!.सर्तकता ही बचाव है, सीधी पुलिस द्वारा जनहित में जारी.!!.*