सीधी ( ईन्यूज एमपी) जिले की पुलिसिंग इन दिनों बाकई काबिले तारिफ है , जंहा अच्छे कामों को लेकर सुर्खियां बटोर रही है तो वंही एक ऐसा मामला सामने आया है जिनकी जुवानी सुनकर उनके द्वारा भेजी गई पीडा़ पढकर वाकई शर्मसार लगता है । जी हां हम बात कर रहे हैं वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवशंकर मिश्र की जिन्हे लोग प्यार से शिवशंकर काकू के नाम से पुकारते हैं , एक जमाना था कि सीधी के पूर्व मंत्री कमलेश्वर द्विवेदी , वंशमणि वर्मा व पूर्व सांसद मोतीलाल सिंह के जमाने में " काकू " की तूंती बोलती थी ... लेकिन जिले के जमोड़ी थाने के एक हवालदार ने रविवार की रात उनसे पांच सौ रुपये वसूलकर तूंती तार तार कर दी , वहरहाल थाने में फंसें बेगुनाह लोगों आमजनों की शिवशंकर काकू ने मदद भी की खुद को तो लुटाया पर औरों को लुटने से बचाया सोये हुये इस शेर द्वारा जमोड़ी पुलिस के लिये क्या प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है जरा आप भी पढिये ...👇 आज दिनांक 23 अगस्त को मैं अपनी सासू मां साले के साथ 82 वर्ष वृद्ध जो कैंसर से पीड़ित थे रीवा मेडिकल कॉलेज दिखाने गया था दिखाकर वापस लौट रहा था तो लगभग 8:30 बजे जमोडी थाने के सामने,, भीड़ लगी थी कई सैनिक और हवलदार वाहनों को दोपहिया चार पहिया रोक कर चलानी कार्रवाई कर रहे थे मुझे भी रोका मैंने आरक्षक से निवेदन किया कि मैं कैंसर का मरीज लेकर रीवा से आ रहा हूं कृपया जो कागज देखना हो तो देख लीजिए और छोड़ दीजिए मेरे पास सभी कागजात मौजूद हैं । लेकिन वह बोले कि हवलदार साहब नीचे है चलिये और साहब से मिलिये 100 फीट दूर कुर्सी में बैठे थे मैं उनके पास गया निवेदन किया कि मैं मरीज लिए हूं क्या बात है बताइए उनने कहा कागज दिखाइए मैंने कागजत पूरा दिखा दिया ड्राइवर ने पूरा कागज दिखाया उससे वह संतुष्ट नहीं हुए और ड्राइवर सीट बेल्ट नहीं लगा कर रखे हैं मैंने उन से निवेदन किया जब आपके आरक्षक बाहर निकाल के लाये तो लगाये थे बेल्ट लगा रखा था , साहब काफी गुस्सा हुए मेरी मजबूरी है मेरी नौकरी का सवाल है टारगेट दिया गया है इतने में कई लोग मेरे पास आ गए अभिवादन करने लगे और उन्होंने कहा कि मेरे मरीज है मैं खाना लेकर जा रहा हूं मैं आगे वाला हेलमेट लगाकर रखा हूं इनका कहना पीछे वाला हेलमेट नहीं लगा है इसलिए आपकी चालान कार्रवाई होगी मैंने उन से निवेदन किया कि मेरा काट दो लेकिन इन लोगों को छोड़ दो उसको छोड़ा मेरा चालान ₹500 का काटा मैं उनको पैसा दिया वहां का नजारा देखकर अस्तंबा रहा कि जैसे कोई बवाली लोग शिकार कर रहे हैं इस तरीके से वहां लोगों से व्यवहार किया जा रहा था खैर कष्ट मुझे इस बात का है कि अगर हम लोगों के साथ ऐसा हो रहा है तो आम आदमी अब सीधी में कैसे जिएगा एक बड़ा सोचनी प्रश्न है साहब महोदय से मैंने परिचय मांगा तो उन्होंने ने कहा मैं भेड़िया सब इंस्पेक्टर हूं टारगेट तो पूरा करना ही पड़ेगा क्योंकि मेरे नौकरी का सवाल है मैंने जुर्माने की राशि चुकता की आधा घंटा बीत गया मेरा मरीज पीछे की सीट में कराह रहा है निवेदन किया मुझे कोई लेना देना नहीं इस तरीके से पुलिस का आवान अमानवीय कृत्य दुखद है ऐसे कृत्यों पर लगाम नहीं लगी तो यह रक्षक भक्षक बन जाएंगे जबरी पुलिस को पुरस्कृत होना जनता के लिए अभिशाप बनना क्या उचित है ...? पुलिस अधीक्षक की कार्यप्रणाली से सीधी का गौरव बढ़ा है पर यह कुछ भक्षक अपने निजी स्वार्थ और लालच में पुलिस अधीक्षक का नाम बदनाम कर रहे हैं , मेरा निवेदन है कि इसकी जांच करा कर दोषियों को अविलंब वहां से हटाकर उचित कार्रवाई की जाए " धन्यवाद , जयहिंद शिवशंकर मिश्र शास्त्रीनगर सीधी