सीधी(ईन्यूज एमपी)-टोंको-रोंको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा द्वारा नौ सूत्री ज्ञापन पत्र कलेक्टर सीधी के माध्यम से प्रधानमंत्री को सौंपा गया। ज्ञापन पत्र सौंपने के बाद क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने बताया कि देश के 250 किसान संगठनो के साझे मंच अखिल "भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति" द्वारा भारत छोडो आंदोलन की 78 वीं वर्षगाँठ "कॉरपोरेट भगाओ - किसानी बचाओ" दिन के रूप में मनाई जा रही है। इस रोज अपनी 9 मांगों को लेकर देश भर में सभी स्थानों पर किसानों ने सत्याग्रह किया और प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आव्हान पर सीधी में भी यह आयोजन किया गया। इस आंदोलन की 9 सूत्री मांगे इस प्रकार है- 1. दिनांक 5 जून 2020 को जारी तीनों किसान विरोधी अध्यादेशों- (क) कृषि उपज, वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020 (ख) मूल्य आश्वासन पर (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता कृषि सेवा अध्यादेश 2020 (ग) आवश्यक वस्तु अधिनियम (संशोधन) 2020 को वापस लिया जाए। 2. सभी किसानों के लिए कर्जदारी से मुक्ति की गारंटी सुनिश्चित की जाए तथा सरकार इस साल कोरोना दौर के लिए सभी किसानों का रबी 2019 - 20 फसल का कर्ज माफ करे और खरीफ फसल 2020 के लिए ब्याज मुक्त केसीसी जारी करें। 3. सभी किसानों के लिए लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून पारित किया जाए तथा सभी कृषि उत्पादों सब्जी, फल और दूध समेत अन्य का एमएसपी कम से कम सी-2 लागत और उस पर 50 फ़ीसदी अधिक घोषित करें। 4. कोरोना दौर का किसानों, छोटे दुकानदारों, छोटे व सूक्ष्म उद्योग तथा आमजन का बिजली का बिल माफ किया जाए। 5. फरवरी से जून 2020 के बीच ओलावृष्टि, बिन मौसम बरसात और लॉक डाउन के कारण किसानों के सब्जी, फल, फसल एवं दूध के नुकसान का पूरा मुआवजा किसानों को दिया जाए। 6. डीजल का दाम तुरंत आधा किया जाए। 7. मनरेगा में काम के दिन बढ़ाकर कम से कम 200 दिन काम की गारंटी की जाए और न्यूनतम मजदूरी की दर से मजदूरी भुगतान की जाए ताकि खेतिहर मजदूर, छोटे किसान, मजदूरी छोड़ गांव वापस आए प्रवासी मजदूरों को इस संकट में काम मिल सके। 8. कोरोना संकट के पूरे दौर में हर व्यक्ति को पूरा राशन उपलब्ध करा कर, राशन में हर महीने प्रति यूनिट 15 किलो अनाज, 1 किलो तेल, 1 किलो दाल, 1 किलो चीनी प्रदान की जाए तथा परिवारों की मौलिक जरूरतों को पूरा करने के लिए नगद हस्तांतरण किया जाए। 9. कंपनियों द्वारा जमीन अधिग्रहण करने पर रोक लगाई जाए। आदिवासियों व अन्य किसानों की जमीन व वन संसाधन की रक्षा की जाए तथा कैंपा कानून के नाम पर जंगल की जमीन पर जबरन प्लांटेशन लगाना बंद किया जाए।