सीधी (ईन्यूज एमपी)-कलेक्टर दिलीप कुमार ने 16 जून से 15 अगस्त 2018 तक सभी प्रकार का मत्स्याखेट को पूर्णतः निषिद्ध किया है। श्री कुमार ने जानकारी देकर बताया कि वर्षा ऋतु में मत्स्य के बंष वृद्धि के दृष्टिकोण से उन्हें संरक्षण देने के लिए जिले के सभी प्रकार के जल संसाधनों में म.प्र. नदीय मत्स्योद्योग नियम 1972 के धारा 3 (2) के अंतर्गत 16 जून से 15 अगस्त तक की अवधि को बंद ऋतु घोषित किया गया है। इस अवधि में सभी प्रकार का मत्स्याखेट पूर्णतः निषिद्ध रहता है। साथ ही मत्स्य विक्रय, मत्स्य विनिमय एवं परिवहन करना भी प्रतिबंधित है एवं संज्ञेय दण्डनीय अपराध है। इन नियमों के उलंघन पर म.प्र. राज्य मत्स्य क्षेत्र संषोधित अधिनियम 1984 की धारा 5 के तहत उल्लंघनकर्ता को एक वर्ष का कारावास या 5 हजार रूपये या दोनों से दण्डित किए जाने का प्रावधान है। श्री कुमार ने जनसाधारण को सूचित किया है कि इस अवधि में किसी प्रकार का मत्स्याखेट, मत्स्य क्रय एवं विक्रय अथवा मत्स्य परिवहन न तो स्वयं करें और न हीं इस कार्य में किसी अन्य को सहयोग दें। श्री कुमार ने बताया कि मध्यप्रदेष शासन मछली पालन विभाग के ज्ञापन क्रमांक ई-17/2/84/36 दिनांक 23.07.1987 के अनुसार छोटे तालाब या अन्य स़्त्रोत जिनका कोई संबंध किसी नदी से नहीं है और जिन्हें विनिर्दिष्ट जल की परिभाषा के अंतर्गत नहीं लिया गया है, को छोड़कर समस्त नदियों व जलाषयों में मत्स्याखेट पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।