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सीधी जिले में हो रहे घटिया निर्माण मामले में जिम्मेदार कौन .....?

सीधी ( सचीन्द्र मिश्र ) जिले के विकास के लिये सरकार चाहे कितनी ही योजनाएं चला दे लेकिन वास्तविकता धरातल से परे है ,केवल कोरमपूर्ति हो रहे विकास के मामले मेंजिम्मेदार मूक दर्शक बने योजनाओं का उपहास देख रहे हैं।
सीधी जिले की पांचों जनपदों मे हो रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की दशा पूर्णतः दयनीय व चिंतनीय है,कमीशनखोरी के चलते कार्यो की गुणवत्ता निर्धारित पैमाने से कोशो दूर तक मेल नही खा रही है,फलतःजनहित के उद्देश्य को ध्यान मे रख कर स्वीकृत कार्य तथाकथित लोगो के धनहित के पर्याय बन गये हैं।

अलाकमान के संरक्षण मे मतहतों द्वारा धनार्जन के उद्देश्य से कर्यो को लागलपेट कर पूर्णता का काल्पनिक रूप दिया जा रहा है,जिनकी समयावधि क्या होगी य जनहित को कितनी दूर तक सार्थक करेगे ये एक सुखद कल्पना के इतर कुछ अन्य नही है।
सरकार द्वारा कार्यो के उचित व जनसामान्य के उपयोगी निर्माण हेतु सक्ष्म अधिकारियों के वाहको की नियुक्ति भी की गई है लेकिन इसके बावजूद कार्यो की दशा अधिकारो के उपयोगिता पर प्रश्नों के प्रहार कर रही है कि विकाश के कार्यो को ये कैसा राक्षस है जो अनवरत निगलता जा रहा है..? क्या धन कि अभिलाषा कर्तव्य पर भारी पड़ रही है..?या फिर विकास सिस्टम की भेट़ चढ़ रहा है ......?

जो भी हो जनपद पंचायत सीधी , सिहावल , रामपुरनैकिन , कुशमी , मझौली की पंचायतों में संचालित सभी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता भ्रषटाचार का पर्याय बनी हुई है , सीईओ, पंचायत सरपंच , सचिव , उपयंत्री , सहित अन्य जिम्मेदार विकास कार्यों के नाम पर जमके पलीदा लगा रहे हैं । निर्माण कार्यों सम्बंधी तैयार प्राक्कलन / मापदण्डों को दर किनार कर उपयंत्री मोटी रकम लेकर फर्जी मूल्यांकन करने में तुले हुऐ हैं । जरूरत है जिले में संचालित निर्माण कार्यो के गुणवत्ता की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिये अन्यथा सरकार के अरबों के बजट में पानी फिर जायेगा ।

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