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किसान और मजदूरों के लिए खुशखबरी

भोपाल (ईन्यूज एमपी): मध्यप्रदेश में 1 अप्रैल से 31 मई तक राज्य सरकार द्वारा अभियान चलाकर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का पंजीयन किया जायेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज आकाशवाणी से प्रसारित कार्यक्रम दिल से में प्रदेशवासियों से आत्मीय संवाद करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि पंजीयन कराने वाले श्रमिकों को वर्ष 2022 तक पक्के मकान, हाथ ठेला, रिक्शा चलाने वालों को ई-ठेला और ई-रिक्शा के लिए 30 हजार रूपए सब्सिडी, श्रमिक संतान की पहली कक्षा से पी.एच.डी. तक की नि:शुल्क शिक्षा और पब्लिक स्कूल के स्तर के विद्यालय, नि:शुल्क कोचिंग, गंभीर बीमारी से पीड़ित का बड़े चिकित्सालयों में उपचार, अकुशल श्रमिकों का कौशल उन्नयन, गर्भवती और प्रसूता श्रमिक महिलाओं को आर्थिक सहायता, बच्चों का नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण, पोषण आहार और स्वरोजगार के लिए सरकार की गारंटी पर बैंक ऋण की सुविधाएँ प्राप्त होगी।
श्रमिकों से किया आत्मीय संवाद : मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्रमिकों से आत्मीय संवाद करते हुए कहा कि श्रमिक के होठों पर मुस्कान बनी रहे, उनकी आँखों में आंसू नहीं आने पाये, इसकी चिंता सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि श्रमिक आगे बढ़ें, सरकार उनके साथ है। राज्य सरकार विकास का प्रकाश हर श्रमिक परिवार तक पहुँचाने के लिये संकल्पित है। सामाजिक न्याय का तकाजा है कि प्रकृति के संसाधनों का लाभ सभी को मिले। सरकार खेत जोतने, फसल काटने, पत्थर तोड़ने, ईटें-बोझा ढोने, ठेला-रिक्शा खींचने और गारा बनाने आदि अलग-अलग काम-धंधों में लगे हर श्रमिक के कल्याण के लिए प्रयासरत है। श्रमिकों से निर्धारित समय अवधि में पंजीयन अवश्य कराने का अनुरोध करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि पंजीयन कराना अत्यंत सरल है। ग्रामीण अथवा शहरी निकायों का श्रमिक होने तथा आयकरदाता और शासकीय सेवक नहीं होने का प्रमाण पत्र देना ही पर्याप्त होगा। उन्होंने कहा कि श्रमिक के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले, इसके लिए बेहतर से बेहतर प्रयास हो रहे हैं। भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और इंदौर में श्रमोदय विद्यालयों की स्थापना की जा रही है। इन विद्यालयों में पृथक से शिक्षकों की नियुक्ति होगी, पर्याप्त संसाधन दिये जायेंगे। श्रमिकों के प्रतिभावान बच्चों को प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में नौकरियों की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग की सुविधा भी उपलब्ध करवाएगी।
किसानों से मुख्यमंत्री ने किया आत्मीय संवाद : मुख्यमंत्री ने किसानों से आत्मीय संवाद करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों की सरकार है, जो किसी ने पहले नहीं देखी होगी। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष गेहूँ और धान की फसलें बेचने वाले किसानों को इस वर्ष 200 रूपये प्रति क्विंटल के मान से प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इस वर्ष भी गेहूँ की समर्थन मूल्य 1735 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी होगी। राज्य सरकार समर्थन मूल्य के अतिरिक्त 265 रूपये प्रति क्विंटल के मान से किसानों के खातों में राशि जमा करवाएगी। इस तरह गेहूँ की फसल के लिए प्रति क्विंटल 2 हजार रूपए का मूल्य किसानों को प्राप्त होगा। किसान रबी 2017-18 में चना, मसूर एवं सरसों को लाइसेंसी गोदाम में भंडारित करेंगे, तो उन्हें 4 माह तक के भंडारण शुल्क का भुगतान सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि किसान पैसे की आवश्यकता होने पर भंडारित फसल पर बैंक से अनुमानित मूल्य की 25 प्रतिशत राशि प्राप्त कर सकेंगे। इस राशि पर लगने वाला ब्याज सरकार अदा करेगी। फसल बिकने पर 25 प्रतिशत राशि काटकर शेष 75 प्रतिशत धनराशि किसानों को मिल जायेगी। उन्होंने बताया कि किसानों को बिजली फ्लैट रेट पर मिलेगी। ट्रांसफार्मर यदि स्थापना से तीन माह की अवधि में जल जाता है, तो बिना राशि जमा करवाए उसे बदला जायेगा। ट्रांसफार्मर का परिवहन व्यय भी विद्युत मंडल वहन करेगा। यदि ट्रांसफार्मर का परिवहन किसान द्वारा किया जाता है, तो विद्युत मंडल किसान को परिवहन व्यय का भुगतान करेगा।

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