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किसानों को बारिश से पहले मिलेंगे 12 हजार करोड़ रुपए.......

भोपाल ( ईन्यूज़ एमपी ) - चुनावी साल में प्रदेश के लाखों किसानों की बल्ले-बल्ले होने वाली है। बारिश से पहले किसानों को सरकार विभिन्न् योजनाओं में लगभग 12 हजार करोड़ रुपए बांटेगी। यह अब तक राज्य में किसानों को बांटी गई सबसे बड़ी राशि होगी।

इसके लिए खरीफ का फसल बीमा और रबी का भावांतर भुगतान के साथ गेहूं व धान के बोनस की राशि एक साथ करके वितरण किया जाएगा, ताकि यह दावा किया जा सके कि पहली बार किसानों के लिए देश में कोई सरकार इतना बड़ा कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भरोसेमंद अफसर इसकी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। बताया जा रहा है कि कार्यक्रम 38 से 40 जिला मुख्यालयों पर किए जाएंगे, ताकि किसानों और उनके परिवारों के बीच एक माहौल बनाया जा सके।

सूत्रों के मुताबिक सरकार की मंशा को देखते हुए अधिकारियों ने कार्यक्रमों का खाका खींचना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि विधानसभा का बजट सत्र समाप्त होने के बाद सरकार चुनावी माहौल बनाना शुरू कर देगी। अप्रैल तक खरीफ 2017 के बीमा दावों को अंतिम रूप मिल जाएगा।

सूखे की वजह से फसलों को हुए नुकसान को देखते हुए संभावना है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 20 से 23 लाख किसानों को करीब आठ हजार करोड़ रुपए का बीमा दावा (राशि) मिल सकता है। यह फसल बीमा योजना के इतिहास में देश के किसी भी राज्य में बंटने वाली सबसे बड़ी राशि होगी। इसके पहले भी मप्र एक सीजन में चार हजार करोड़ रुपए फसल बीमा देकर देश का अग्रणी राज्य बन चुका है।

इसी तरह पिछले साल गेहूं और इस साल धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच चुके करीब 9 लाख किसानों को प्रति क्विंटल दो सौ रुपए के हिसाब से लगभग दो हजार करोड़ रुपए की राशि बतौर उत्पादन प्रोत्साहन (बोनस) दी जाएगी। इसके लिए कृषि विभाग को ही योजना संचालित करने का जिम्मा सौंपा गया है। बजट में भी योजना की घोषणा कर दी गई है। इसके अलावा चना, मसूर, सरसों और प्याज को भावांतर भुगतान योजना के तहत खरीदा जा रहा है। इसमें अंतर की राशि का भुगतान एक साथ किया जाएगा।

चुनाव प्रचार के केंद्र में रहेगा किसान

विधानसभा चुनाव प्रचार के केंद्र में संगठन और सत्ता किसान को रखेगा। इसको मद्देनजर रखते हुए ही मुख्यमंत्री की टीम रणनीति बना रही है। सूत्रों का कहना है कि पहली बार किसानों को एक साथ इतनी बड़ी राशि दी जाएगी, इसलिए बड़े कार्यक्रम किए जाएंगे। पहले जब भावांतर भुगतान या फसल बीमा वितरित किया गया था तो संभागीय मुख्यालय या चुनिंदा स्थानों पर कार्यक्रम कर बाकी जगह प्रसारण किया गया था, लेकिन इस बार 38 से 40 जिला मुख्यालयों पर कार्यक्रम होंगे।

विपक्ष भी किसानों को बनाएगा मुद्दा

कांग्रेस भी प्रदेश के सबसे बड़े और प्रभावी वोट बैंक को साधने के लिए किसानों को ही मुद्दा बनाएगा। इसके लिए किसान नेताओं से जमीन हकीकत की रिपोर्ट बनवाई जा रही है। किसानों के मुंह से सरकार के दावों की कहानी बताने की रणनीति पर काम हो रहा है। मंदसौर, रतलाम, नीमच, नरसिंहपुर, टीकमगढ़ सहित अन्य जिलों में कार्यक्रम भी शुरू हो गए हैं। कुछ जगहों पर तो पदयात्राएं निकाली जा रही हैं।

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