सीधी/पथरौला(ईन्यूज एमपी)-जनपद पंचायत मझौली अंतर्गत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गिजवार के प्रांगण में खण्ड स्तरीय अन्त्योदय मेले के आयोजन में आंकडों की बाजीगरी में हितग्राहियों को लाभान्वित कर संम्पन्न हुआ। वहीं क्षेत्रिय विधायक द्वारा देश व प्रदेश सरकार की तारीफ की पुल बांधते घंटों मंचीय उद्ववोधन देते रहे। जबकि देखते ही देखते आधा पंडाल खाली हो गया सिर्फ खाली कुर्सियां ही नजर आईं। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उद्ववोधन कितना यर्थाथ तथा लोक प्रिय रहा। कार्यालय जपपद पंचायत म-हजयौली द्वारा तैयार की गयी बुक लेेट खण्ड स्तरीय अन्त्योदय मेला म-हजयौली दिनांक 21/2/2018 में दर्ज आंकडों की बात की जाय तो इस अन्त्योदय मेले में विभिन्न विभागों की भिन्न भिन्न योजनाओं के तहत कुल 98 हजार चार सौ छप्पन हितग्राहियों को 54 करोड दो लाख नौ हजार पांच सौ छाछठ रूपये जिसमें नगद राषि एवं सामग्री के तौर पर लाभान्वित किये जानें का आंकडा दिया गया है जबकि मेंले में हुये पंजीयन का आंकडा देखा जाय तो -रु39यााम 4.30 बजे तक में मात्र 337 हितग्राहियों का पंजीयन हुआ था जिससे यह कहना गलत नहीं होगा कि आंकडों की बाजीगरी में ही मेला सम्पंन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कलेक्टर दिलीप कुमार, सीइओ जिला पंचायत, एके सिंह यसडीयम म-हजयौली, अकलेष मालवीय तहसीलदार म-हजयौली, दिलीप सिंह नायब तहसीलदार मडवास, यमयल प्रजापति सीईओ म-हजयौली, नेहरू सिंह खण्डाते टीआई म-हजयौली, सहित खण्ड स्तरीय समस्त विभागों के अधिकारी कर्मचारी व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। भटकते रहे दिव्यांगः-ंउचय मेले में देखा गया कि दूर दराज से -रु39याासन की योजनाओं के लाभ की आस लेकर आये कई दिव्यांग भूखे प्यासे भटकते नजर आये लेकिन न तो उन्हे -रु39याासन की योजनाओं का लाभ मिला ना हीं खानें के लिये रोटी नसीब हो सकी। दिव्यांगों द्वारा बताया गया कि योजनाओं के लाभ दिलानें के नाम पर मेले तक लोक सेवकों के द्वारा लाया तो गया किन्तु उनकी वापसी भी सुनिष्चित हो सके इसका ख्याल नही रखा गया जिससे किराये के अभाव में काफी देर तक भटकते नजर आये, जिससे व्यावस्था की पोल खुलती नजर आयी। मेले से हुआ लोंगों का मोह भंगः-ंमेले के आयोजन मे देखा गया कि हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलानें के नाम पर मेला स्थल तक लाया तो जाता रहा है किन्तु उन्हे लाभ नहीं मिलता था जिस वजह से इस मेलें मे औसतन पात्र हितग्राहियों की तादात नग्नय रही महज भीड ब-सजयानें के उदेश्शय से बिना किसी भूमिका के महिला बाल विकाष की कार्यकर्ता, सहायिका व आषा कार्यकर्तांओं को भी लोंगों को लेकर मेले तक पहुंचने के मौखिक आदेष जारी किये गये थे। जबकि अन्त्योदय मेले का प्रचार प्रसार भी न कराया जाना भी ग्रामीणों की कम उपस्थिति का मुख्य कारण माना जा रहा है।