सीधी/पथरौला ( ईन्यूज़ एमपी ) - जिले के एक मात्र आदिवासी बाहुल्य जनपद पंचायत कुशमी अंचल के स्कूल व आंगनवाडी केन्द्रों में आने वाले नौ निहालों को रसूखदार समूह संचालकों के द्वारा पीली खिचडी के साथ लाल मिर्ची खिलाई जा रही है। जहां सरकार एक ओर आंगनवाडी केन्द्रों में पोषण आहार वितरित करवा कर कुपोषण दूर करनें का दावा करती है वहीं विभागीय अमलें की अनदेखी के कारण समूह संचालक मध्यान्ह भोजन अन्र्तगत चलाये जा रहे साझा चूल्हा कार्यक्रम को अपनी कमाई का जरिया बनाये हुये है और लगातार नौ निहालों के हक में डका डाल रहे है। ग्रामीणों की षिकायत पर विगत दिवस क्षेत्र की दर्जन भर विद्यालय व आंगनवाडी केन्द्रों में भ्रमण कर मध्यान्ह भोजन का जायजा लिया गया तों स्थिित अत्यंत दयनीय देखनें को मिली कहीं तो वच्चे पानी युक्त दाल व चावल से पेट भरते नजर आये तो कहीं कच्ची दाल के साथ चावल खाते नजर आये। किन्तु सबसे भयावह स्थिित ग्राम पंचायत ददरी के विद्यालयों में देखनें को मिली जहां नौ निहालों को समूह संचालक द्वारा महज खिचडी व लाल मिर्ची थाली में परोसा गया था। पूंछनें पर बताया गया कि आर्दष गांधी महिला स्व सहायता समूह द्वारा मध्यान्ह भोजन चलाया जा रहा है जिसकी अध्यक्ष उर्मिला विष्वकर्मा तथा सचिव मंजू देवी षर्मा है। विद्यालय प्रबंधन सहित रसोइया के द्वारा बताया गया कि समूह संचालक के द्वारा जो सामग्री हमें दी जाती है वही हम लोग वच्चों को खिलाते है। बताया गया कि हम लोंगों के द्वारा अन्य सामग्री मांगनें पर सचिव पति के द्वारा कहा जाता है जो हम दे रहे है वही खिलाओ। दूध पाउडर की खीर व टाटरी की कढीः-विद्यालय में अध्ययन रत छात्रों सहित षिक्षकों केे द्वारा बताया गया कि मंगलवार के दिन नाम मात्र के दूध पाउडर की खीर व गुरूवार के दिन टाटरी की कढी खिलाई जाती है जो वच्चों के सेहत के लिये काफी हानिकारक साबित होता है। बताया गया कि भोजन स्वादिष्ट नहीं होने के कारण अधिकांष वच्चे खाना ही नहीं खाते है। विद्यालय में पांच रजिस्टर में पच्चीस छात्रः-क्षेत्र की अधिकांश प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शालाओं के रजिस्टर में पच्चीस छात्र दर्ज है लेकिन उपस्थित पांच छः ही देखे गये। बताया गया कि जो छात्र आंगनवाडी में दर्ज है वहीं छात्र स्कूलों में भी दर्ज है और जिम्मेदार प्रशासन को झूठा आंकडा बताते है।