सीधी/पथरौला ( ईन्यूज़ एमपी ) - जिले के संजय टाईगर रिजर्ब एरिया व बफर जोन एरिया में अबैध ईंटा का व्यापार नियम विरूद्व तरीके से धडल्ले के साथ चल रहा है और वन महकमा सब कुछ जानकर भी अनजान बना हुआ है लिहाजा ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। जबकि जानकारों की मानें तो जंगल सीमा से 5 किमी की दूरी में ईंटा का भट्ठा नहीं जलाया जा सकता है लेकिन टाईगर रिजर्ब एरिया में भी ईटा व्यापारी अबैध ईटा के व्यापार वाज नहीं आते। ग्रामीणों की शिकायत पर पत्रिका द्वारा विगत दिवस संजय टाईगर रिर्जब एरिया अंतर्गत बस्तुआ, रामगढ, पोंडी, कोटा, छबरी कंडिया, पिपरीडोल, हरदी, आदि दर्जन भर गांवों का भ्रमण कर जायजा लिया गया तो 20 हजार से लेकर डेढ लाख तक के ईटों का भट्ठा व ठीहा देखा गया तथा जंगल सेे लायी गयी लकडियों का ढेर भी कई जगह देखा गया। ग्रामीणों के द्वारा पत्रिका को बताया गया कि कुछ ग्रामीणों के द्वारा 10 से 20 हजार ईटा का निर्माण कराया जा रहा है जो प्रधानमंत्री आवास के लिये तैयार किया जा रहा है किन्तु इन्ही के आड में कुछ रसूखदारों के द्वारा लाखों ईटा जंगल की अबैध लकडी से पका कर प्रदेष के बाहर छत्तीषगढ में सप्लाई की जा रही है। ग्रामीणों द्वारा जिला कलेक्टर से अबैध रूप से किये जा रहे ईटा के व्यापार को बंद करायंे जानें की गुहार लगायी है। ग्रामीणों का कहना है की ईटा के भट्ठा से ही गर्मी के दिनों में हवा के साथ जंगल में आग लगती है और सारा जंगल स्वाहा हो जाता है। रात में चलता है लकडी का खेलः-ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि विभागीय अमलें के द्वारा गांव वालों को जलानें के लिये लकडी पर प्रतिबंध लगाया जाता है लेकिन रसूखदार तबके के लोंगों को लकडी, पत्थर, व रेता के लिये खुली छूट दे दी गयी है। बताया गया कि दिन में मजदूरों के माध्यम से लकडियां इकट्ठा करवायी जाती है और अंधेरी रात में रसूखदारों के टेक्टर जंगल में जाते है और चोरी की रेत व लकडी लोड कर ले आते है जबकि यही लकडी गरीबों को जलाने तक के लिये मोहताज होना पडता है।