सीधी/पथरौला (ईन्यूज यमपी)-ंजिले की दक्षिणी सीमा व प्रदेष की अंतिम सीमा में प्रवाहित हो रही मबई नदी रेत कारोंबारियों की कमाई का जरिया बनती जा रही है। इतना ही रेत कारोंबारियों के द्वारा बीच नदी में मिट्टी की सडक बना कर नदी की धार तक रोक दी गयी। ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि रेत कारोबारियों के द्वारा छत्तीग-सजय की लीज ली गयी है और रेत निकाषी के लिये बीच नदी में मिट्टी डालकर सडक बना दी गयी है। बताते चलें की मबई नदी मध्यप्रदेष व छत्तीसग-सजय की सीमा में प्रवाहित है जिसका आधा हिस्सा मध्यप्रदेष की राजस्व में है तथा आधा हिस्सा छत्तीसग-सजय राजस्व में है। बताया जा रहा है कि रेत कारोबारियों के द्वारा छत्तीसग-सजय सरकार से लीज पर खदान ली गयी है किन्तु जनवरी माह में रेत की अबैध रूप से निकाषी मध्यप्रदेष की सीमा से की जा रही थी जिस पर कलेक्टर दिलीप कुमार के निर्देषन में कुषमी यसडीयम अनुराग तिवारी के द्वारा बडी कार्यवाही करते हुये तकरीबन तीन दर्जन वाहनों पर तावडतोड कार्यवाही की गयी थी, तथा कुछ दिनों तक रेत की निकाषी भी बंद थी किन्तु पुनः रेत कारोबारियों के द्वारा अबैध रूप से पुलिया का निर्माण कर नदी की धार रोक दी गयी। ग्रामीणों के द्वारा बताया तो यहां तक जा रहा है रेत कारोबारियों के द्वारा रात में मषीन यमपी की सीमा आ जाती है और पूरी रात अबैध रेत कारोबार धडल्ले से चलता सुबह होते ही मशीन छत्तीसग-सजय की सीमा में चली जाती है। ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि जो वाहन दिन में आते है उनको रात होनें तक खडे करवा दिये जाते है। ग्रामीणों द्वारा जिला कलेक्टर का ध्यान आकृ-ुनवजयट कराते हुये अबैध रेत निकाषी रोकने तथा नदी पर बनाये गये अस्थायी सडक को हटवाने की गुहार लगायी है। प्रदेष से बाहर होती है सप्लाई ग्रामीणों सहित कई वाहन चालकों के द्वारा बताया गया की रेत मध्यप्रदेष के बाहर अन्य प्रदेषों में ले जाकर सप्लाई की जाती है।