सीधी/ सेमरिया(ईन्यूज एमपी)- सन 1960 मे 99 एकड 61 ढिसमिल के रकवे मे कृषि फार्म मनकीसर की स्थपना हुई,तब से अब तक यह कृषि फार्म अपनी उन्नति की ओर अग्रसर रहा। अभी कुछ साल पहले कृषि फार्म के नाम से परिवर्तित होकर कृषि बीज निगम के नाम से कहा जाने लगा, स्थापना समय से अब तक के रकवे मे इजाफा हुआ या कमी हुई इसकी जानकारी निगम के प्रबंधक व क्षेत्रिय कार्यालय सतना के अधिकारियो के पास होगी पर विकास की ओर देखा जाये तो कोई कमी नही देखी गई। बीते वर्ष क्षेत्र के किसान सूखे के चपेट मे आ गये थे,पर इस फार्म मे रोपा पंध्दति से रोपी गई धान की फसल को महान परियोजना से निकली नहर का पानी वरदान साबित हुआ,और जिसके बाद बोई गई रबि की फसल मे गेहू की लहलहाती फसल से क्षेत्र के किसानो को खेती करने की अच्छी सीख भी मिलती है।इस तरह की लहलहाती फसल से क्षेत्र के किसानो व पशु पालको को भरी कष्ट तब होता है जब गेहू की तैयार की फसल की कटाई हाथ से न कराकर हार्डवेस्टर से कराई जाकर पशु आहार (भूसा) मिट्टी मे मिला दिया जाता है,पशु पालको का कहना है कि इतने बडे रकवे मे बोई फसल की कटाई हार्डवेस्टरा से न कराकर हाथ से कराई जाकर शासकिय रेट पर पशु आहार (भूसा) पशु पालको के हाथ बिक्री किया जाय,क्षेत्रिय पशु पालक ही नही ग्राम पंचायत क्षेत्र मनकीसर,देवगढ,कुबरी,चुल्ही,झगरहा,ओबरहा,बम्हनी,बारी,ऐठी आदि के सरपंचो ने फसल कटाई हार्डवेस्अर से न कराने की मांग जिला प्रषासन व निगम के उच्च अधिकारियो से की है ।