सीधी (ईन्यूज एमपी)-विधिक सहायता अधिकारी सीधी ने जानकारी दी है कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देषानुसार दिनांक 10 फरवरी 2018 दिन शनिवार को जिला न्यायालय सीधी एवं व्यवहार न्यायालय चुरहट, मझौली, रामपुर नैकिन में नेषनल लोक अदालत का आयोजन किया जाकर विभिन्न राजीनामा योग्य न्यायिक प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा। नेषनल लोक अदालत में समझौता योग्य आपराधिक प्रकरणों, चेक बाउंस के प्रकरणों, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों , पारिवारिक/वैवाहिक प्रकरणेां, सिविल प्रकरणों, विद्युत विभाग से संबंधित प्रकरणों, बैंक वसूली प्रकरणों, एवं समझौता योग्य प्रीलिटिगेषन प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा। नेषनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु माननीय जिला न्यायाधीष महोदय श्री पी0सी0 गुप्ता के द्वारा जिले में कुल 25 खण्डपीठों का गठन किया गया है। जिला न्यायालय सीधी में स्वयं जिला न्यायाधीष पी0सी0 गुप्ता के साथ विषेष न्यायाधीष श्री ए0के0पालीवाल, प्रथम अपर जिला न्यायाधीष श्री राजीव अयाची, द्वितीय अपर जिला न्यायाधीष श्री यतीन्द्र कुमार गुरू, तृतीय अपर जिला न्यायाधीष श्री योगराज उपाध्याय, चतुर्थ अपर जिला न्यायाधीष श्री सुधीर सिंह राठौड,़ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री जय सिंह सरौते, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सर्व श्री प्रषांत शुक्ला, षिवचरण पटेल, राजेन्द्र कुमार अहिरवार, अभिषेक कुमार, महेष त्रिपाठी एवं श्रम न्यायाधीष श्री के0सी0 यादव की ख्ंाडपीठों का गठन किया गया है। इसी प्रकार व्यवहार न्यायालय चुरहट में न्यायाधीषगण सर्व श्री दीपनारायण सिंह, मुकेष गुप्ता, श्रीमती मिनी गुप्ता, श्रीमती दिव्या सिंह, व्यवहार न्यायालय मझौली में न्यायाधीष श्री मुनेन्द्र सिंह वर्मा एवं व्यवहार न्यायालय रामपुर नैकिन मेें न्यायाधीष श्री कमलेष कुमार कौल तथा श्री महेन्द्र सिंह की खंडपीठों का गठन किया गया है। उक्त खंडपीठों के अतिरिक्त जिला एवं तहसील स्तर पर नगरीय निकाय, परिवार परामर्ष केन्द्र की खंडपीठों का भी गठन किया गया है। विद्युत संबंधी प्रकरणों के अधिक से अधिक निराकरण के लिए छूट- विद्युत संबंधी प्रकरणों के नेषनल लोक अदालत में अधिक से अधिक निराकरण हेतु शासन द्वारा छूट प्रदान की गई है- विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 135,138 एवं 126 के अन्तर्गत न्यायालयोें में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए दिनाॅक 10 फरवरी 2018 को आयोजित होने वाली नेषनल लोक अदालत में लंबित प्रकरणों में निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू समस्त कृषि, पांच किलो वाट भार तक के गैर घरेलू एवं 10 अष्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को प्रीलिटिगेषन के स्तर पर - कम्पनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राषि पर 40 प्रतिषत् एवं आंकलित राषि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेष जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पष्चात प्रत्येक छमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिषत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले व्याज की राषि पर 100 प्रतिषत की छूट प्रदान की जावेगी, लिटिगेषन के स्तर पर - कम्पनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राषि पर 25 प्रतिषत एवं आंकलित राषि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेष जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छःमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिषत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राषि पर 100 प्रतिषत की छूट प्रदान की जावेगी। आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष देय आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राषि का एकमुष्त भुगतान करना होगा, उपभोक्ता/उपयोगकर्ता का विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन या संयोजनो के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राषि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा, आवेदक के नाम पर कोई विधिक संयोजन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक द्वारा विधिक संयोजन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित संयोजनों के विरूद्ध यदि कोई बकाया राषि है तो उसका पूर्ण भुगतान करना होगा, सामान्य विद्युत बिलों के विरूद्ध बकाया राषि पर कोई छूट नही दी जावेगी, उपरोक्त छूट दिनाॅक 10 फरवरी 2018 को आयेाजित नेषनल लोक अदालत में समझौता करने के लिए ही लागू होगी, अपराध शमन फीस, विद्युत अधिनियम के अनुसार वसूल की जावेगी। नगरीय निकायों के प्रकरणों में भी छूट- मध्यप्रदेष शासन द्वारा नगरीय निकायों के प्रकरणों में भी छूट प्रदान की गई है- संपत्ति कर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राषि रूपये 50000/- तक बकाया होने पर मात्र अधिभार में 100 प्रतिषत तक की छूट, जलकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राषि 10000/- रूपये तक बकाया होने पर 100 प्रतिषत तक की छूट, संपत्तिकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राषि 50000 रूपये से अधिक तथा 100000/- रूपये तक बकाया होने तक मात्र अधिभार में 50 प्रतिषत तक की छूट, जलकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राषि 10000 रूपये से अधिक तथा 50000/- तक बकाया होने तक मात्र अधिभार में 75 प्रतिषत तक की छूट, संपत्तिकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राषि 100000 रूपये से अधिक बकाया होने पर मात्र अधिभार में 25 प्रतिषत तक की छूट, छूट उपरांत राषि अधिकतम दो किष्तों में जमा कराई जावेगी, जिसमें कम से कम 50 प्रतिषत राषि लोक अदालत के दिन जमा कराया जाना अनिवार्य होगा। विधिक सहायता अधिकारी सीधी ने जन सामान्य से अपील है कि नेषनल लोक अदालत का लाभ उठाकर अपने प्रकरणों का सौहार्दपूर्ण वातावरण में निराकरण करवाये तथा न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग प्रदान करें।