सीधी-(ईन्यूज एमपी)-जिले के कुसमी विकासखंड में कार्यरत अध्यापकों का दुर्भाग्य ही कहा जाए कि प्रदेश के नौनिहालों का भविष्य गढने वाले अध्यापकों को संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों की मनमानी और अध्यापकों के प्रति उदासीन उपेक्षित रवैया के कारण दो-तीन माह से वेतन के लाले पड़े हैं ।प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भले ही शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति को लेकर अध्यापक संगठनों के पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री निवास में बुलाकर अध्यापकों की बड़ी से बड़ी समस्याओं के प्रति गंभीर होकर त्वरित निराकरण की बात करते हैं किंतु कुसमी विकास खंड के अध्यापकों को दो-तीन माह से वेतन ना मिल पाना संबंधित अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री जी की मंशा पर जानबूझकर पानी फेरने जैसी हालत है ।आजाद अध्यापक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय तिवारी ने आरोप लगाया कि कुसमी विकासखंड अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय दादर में कार्यरत सहायक अध्यापक राजेश द्विवेदी का स्वास्थ्य का विद्यालय में ही खराब होने के कारण कारण उन्हें जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया ।राजेश द्विवेदी को 2 माह से वेतन ना मिलने के कारण उनके परिजन समुचित उपचार के लिए परेशान हैं इस संबंध में आजाद अध्यापक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय तिवारी ने आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त के के पांडे से दूरभाष पर अनुरोध करने पर उनके द्वारा 4 मार्च से बजट ना होने का आश्चर्यचकित कारण बताया गया जबकि वास्तविकता यह है कि सहायक आयुक्त और उनके अधीनस्थ संबंधित कर्मचारियों द्वारा ग्लोबल बजट उपलब्ध रहते सही समय पर वेतन आहरण हेतु बिल प्रस्तुत नहीं कराए जाते हैं और जानबूझकर अध्यापकों को मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है । विजय तिवारी ने अध्यापकों की वेतन ना मिलने जैसी गंभीर समस्या के प्रति ध्यान आकृष्ट कर जिला प्रशासन द्वारा उक्त प्रकरण में हस्तक्षेप करते हुए नियमित रूप से वेतन भुगतान का अनुरोध किया गया है और वेतन भुगतान में विलंब करने वाले आहरण संवितरण अधिकारी जिनके द्वारा समय पर मांग पत्र और बिल प्रस्तुत ना करने से ऐसी स्थिति निर्मित होती है उनके विरुद्ध कार्यवाही की मांग की गई है। यह जानकारी जिला प्रवक्ता रमेश पांडे एवं जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण मिश्र ने जारी विज्ञप्ति में दी।