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Home सीधी दर्पण देर से आना जल्दी जाना ये साहिब ये ठीक नही....

देर से आना जल्दी जाना ये साहिब ये ठीक नही....

आदिवासी अंचल की स्कूलों में षिक्षकों सहित
अतिथि षिक्षकों की मनमानी चरम पर, विद्यालाय
आनें व जानें की कोई समय सारणी नहीं,
मास्साब का इन्जार करते बैठे रहते है वच्चे।
सीधी/पथरौला(ईन्यूज एमपी)- जिले के आदिवासी बाहुल्य जनपद पंचायत कुशमी अन्र्तगत संचालित शासकिय विद्यालयों का
इन दिनों बुरा हाल है वैसेे तो हाल पूरे जिला का है किन्तु यहां की विद्यालयों में पदस्थ शिक्षकों सहित अथिति शिक्षकों के विद्यालय आनें व जानें की कोई समय शारणी ही नहीं हैं सरकारी शिक्षकों के रास्ते पर अब अतिथि शिक्षक भी चलने लगे है। लेकिन जानकार सब कुछ जानकर भी अनजान बनें हुये लिहाजा छात्रों की पढाई काफी प्रभावित होती दिखाई दे रही है। जबकि माह भर बाद बोर्ड की परिक्षायें शुरू होने को है। ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है जनपद अर्तगत संकुल केन्द्र पोंडी के विद्यालयों का जहां ग्रामीणों की शिकायत पर भ्रमण के दौरान पूर्व माध्यमिक शाला मेंढकी में 11.40 बजे तक एक भी शिक्षक नहीं पहुंचे थे और छात्र स्कूल का ताला खोलकर और मैदान में धूप का आन्नद लेते हुये मास्साब के आने का इन्तजार कर रहे थे। कुछ ग्रामीणों व छात्रों ने पूछंने पर बताया कि दो शिक्षक व एक अतिथि शिक्षिका है जिसमें एक शिक्षक चुनाव डियूटी में गये हुये है जबकि अतिथि शिक्षिका नीतू तिवारी का घर पास में ही लेकिन वो भी कभी 12 बजे के पहले विद्यालय नहीं आती हैं प्राथमिक विद्यालय की उपस्थित शिक्षिका द्वारा बताया गया कि 1 से 5 तक कुल 98 छात्र दर्ज किन्तु उपस्थित छात्र 29 ही मिले। विद्यालय के छात्र पंजाब सिंह कक्षा-6 विजय यादव कक्षा-8, जानकी यादव कक्षा-7 सोनम यादव कक्षा-7 के सहित कई छात्रों के द्वारा बताया गया कि ऐसा पहली बार नहीं है हमेशा शिक्षक 11 बजे के बाद ही आते है और 3 बजे तक में वापस चले जाते है। जबकि हम लोग 10 बजे ही स्कूल आ जाते है और मास्साब के इन्तजार में बैठे रहते है

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