सीधी/पथरौला(ईन्यूज एमपी)- सरकार के नुमाइन्दों के द्वारा भले ही प्रदेश के कोने-कोने में सडक, पानी, और बिजली पहुंचाने की बात हर मंच के माध्यम से कही जाती रही है, और इन तीनों मूलभूत सुबिधाओं को गांव-गांव तक पहुचाने व हर छोटे बडे टोला मजरा को विकाश की मुख्य धारा से जोडने के लिहाज से पृथक-पृथक योजनायंे बनाते हुये सभी योजनाओं का नामकरण भी किया। जिसमें मुख्य रूप से प्रधानमंत्री सडक योंजना, नल जल योंजना, और बिजली के लिये राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना, जैसी अति महत्वाकांक्षी योजनओं के बाद भी यदि जमीनी हकीकत पर गौर किया जाय तो आलम ए है कि सरकार की ये सारी की सारी योजनायें बेमानी सी साबित हो रही है। कही तो इन योजनाओं का जमीन पर क्रियान्वयन ही नही किया जाता तों कही इन सारी योंजनाओं में सरकारी खजानें को अरबों खरबों की चपत लगने के बाद भी क्षेत्र अन्र्तगत स्थितियां जस की तस बनी हुई है, और अपने आप को जनता का सेवक कहने वाले सफेद पोस नेता चुप्पी साधे हुये अफसरों की चाटुकारिता करते है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है जिले के आदिवासी बाहुल्य जनपद पंचायत कुशमी के ग्राम पंचायत कुन्दौर का जहां बीते अप्रैल माह से विद्युत सप्लाई ठप्प है। बताया गया कि एक वर्ष पूर्व सरकार की अति महत्वाकांक्षी कही जाने वाली राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत संविदाकार के द्वारा गांव में बिजली तो पहुंचा दी गई तथा आदिवासियों के घरों में कनेक्सन भी कर दिया गया वावजूद इसके बीते दस माह से गांव के लोग आज भी विजली के प्रकाश को तरस रहे है। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि वर्ष 15-16 में विद्युतीकरण का कार्य संविदाकार के द्वारा शुरू किया गया था जिसमें संविदाकार के द्वारा घटिया केविल, इन्सूलेटर आदि लगाया जा रहा था जिसकी शिकायत हम ग्रामीणों के द्वारा क्षेत्रिय विधायक सहित विभागीय अधिकारियों से भी की गई थी, किन्तु किसी ने ध्यान नहीं दिया लिहाजा इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड रहा है। बताया गया कि विद्युत सप्लाई चालू किये जाने के बाद महज दो माह ही गांव में प्रकाश हो सका इसके बाद केविल जगह जगह से पंचर होने लगी और मेन्टीनेन्स के नाम पर संविदाकार ने जनता और सरकार दोनों को ठेंगा दिखा दिया नतीजन दस माह से लगातार विद्युत सप्लाई बंद पडी है और किशानों की फसलें सूख रही हैं जिससे आदिवासी किशान भुखमरी के कगार पर पहंुच रहे है। किसी ने नही सुना दर्दः-ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि जिले के अन्य जनप्रतिनिधियों सहित जिला पंचायत अध्यक्ष व क्षेत्रिय विधायक कुॅवर सिंह टेकाम सहित सांसद से भी क्षेत्र भ्रमण के दौरान कई बार बिजली की समस्या से अवगत कराया गया किन्तु उनके द्वारा भी कोरा आश्वसन ही दिया गया, जबकि बीते अप्रैल माह से विद्युत सप्लाई बंद पडी है।