सीधी (ईन्यूज एमपी)-गुलाब सागर बांध की ऊंचाई बढ़ाए जाने से डूब में आने वाले हजारों किसानों द्वारा टोंको-रोंको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के बैनर तले ग्राम छुही से मझौली एसडीएम कार्यालय तक 15 किलोमीटर की पदयात्रा कर धरना किया गया। पैदल यात्रा एवम् धरना आंदोलन में किसानों की प्रमुख मांग थी कि किसानों की सिंचित भूमि का असिंचित दर से मुआवजा बनाया गया है जो गलत है सिंचित दर से मुआवजा बनाया जाए इसी तरह डूब में आने वाली भूमियों में स्थित पेड़ मेंड़ मकान कूप आदि का मुआवजा नहीं बनाया गया है अतः किसानों की भूमि में स्थित परिसंपत्तियों का भी मुआवजा बनाया जाए। गुलाब सागर के विस्थापितों को बसाहट हेतु भूखंड दिया जाए तथा जो गरीब आदिवासी मध्य प्रदेश शासन की भूमि में मकान बनाकर रह रहे हैं उनके मकान एवं पर संपत्तियों का मुआवजा दिया जाए। किसानों की यह भी मांग थी की गुलाब सागर बांध में बाहरी व्यक्ति को मछली पालन का दिया गया ठेका निरस्त कर डूब प्रभावित आदिवासी किसानों द्वारा गठित "आदिवासी विकास स्व सहायता समूह" को दिया जाए। एसडीएम कार्यालय मझौली में किए जा रहे धरने को संबोधित करते हुए क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने कहा कि किसानो के साथ कर्मचारियों द्वारा की गई धोखाधड़ी एवं मनमानी की शिकायत किसानों ने पटवारी से लेकर कलेक्टर तक विधायक, संसद सहित मुख्यमंत्री ऑनलाइन में की गई जिसकी पावती भी किसानों ने सहेज कर रखी है कहीं से भी किसानों की पीड़ा की ना तो सुनवाई हुई समाधान तो दूर की कौड़ी है। जिले के जवाबदेहों का आम जनता के साथ ऐसा व्यवहार ही जनता को कठोर निर्णय करने को बाध्य करता है और वह माओवाद जैसे गैर संवैधानिक रास्ते को चलने को मजबूर होती है। धरने को अन्य वक्ताओं के रूप में रीवा से आए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी नौजवान सभा के राज्य उपाध्यक्ष लाल मणि त्रिपाठी ,जन अधिकार संगठन सीधी से आए रामचरण सोनी, अजय मिश्रा ,विद्याचरण शुक्ला ,अमोल सिंह उइके, एवं भुमका से आए, शिवकुमार सिंह ,शालिक द्विवेदी, पत्रकार साथियों में ज्योति प्रकाश नामदेव ,राकेश सिंह ,संजय सिंह, पुशपाल द्विवेदी, कुसुम कली सिंह सरपंच सेंधवा, दिनेश यादव रुपई डोल, श्रीपाल सिंह सेंधवा ,राजमणि कुशवाहा छुही, शशिकांत पांडेय , उदयभान सिंह ने भी संबोधित किया । कार्यक्रम का सफल संचालन क्रांतिकारी मोर्चा के कार्यकर्ता राजकुमार तिवारी के द्वारा किया गया। धरना स्थल पर प्रशासन के प्रतिनिधियों ने आकर आंदोलनकारी किसानों द्वारा प्रस्तुत सात सूत्री ज्ञापन पर बिंदुवार चर्चा की गई तथा समाधान हेतु एवं अनियमितता करने वालों के खिलाफ कार्यवाही हेतु 15 दिन का समय चाहा गया तथा यह कहा गया कि 29 जनवरी से 2 फरवरी तक डूब प्रभावित सभी कामों में एक दल जाकर किसानों की शिकायतों की जांच करेगा और कार्यवाही करेगा। प्रशासन से चर्चा के बाद क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने घोषणा की कि प्रशासन के वादे की समीक्षा हेतु ग्राम छुही में 5 फरवरी को डूब प्रभावित किसानों की बैठक होगी यदि प्रशासन की कार्यवाही लीपापोती की रही तो एक बड़े आंदोलन का निर्णय किया जाएगा।