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अधिकारियों एवं कर्मचारियों को विधायक केदारनाथ शुक्ल ने दिलाई सुशासन की शपथ

सीधी (ईन्यूज़ एमपी)- प्रशासन में नवाचारों के माध्यम से सुशासन को प्राप्त किया जा सकता है। यदि प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी जिस भी कार्य को कर रहा है, उसमें शासन की योजनाओं का लाभ सहज एवं सुलभ ढंग से आम जनता को उपलब्ध कराने में कोई नवाचार करने में सफल होता है तो यह सच्ची राष्ट्र सेवा होगी। उक्त कथन स्थानीय विधायक केदार नाथ शुक्ल ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संवेदनशील, पारदर्शी प्रशासन के प्रणेता एवं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न माननीय अटल बिहारी बाजपेयी जी के जन्म दिन के उपलक्ष्य में सुशासन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कही।

उन्होने कहा कि अटल जी का जीवन एक आदर्श है। वह बहुत ही अनुशासित नेता थे। उन्होने सुशासन के क्षेत्र में पहला कार्य ब्यूरोक्रेसी को विश्वास में लेने का किया उनका यह मानना था कि देश में सुशासन अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग के बिना प्राप्त करना सम्भव नही है। श्री शुक्ल ने कहा कि अटल जी के संसद में दिये गये भाषणों का संग्रह संसद में चार दशक भारतीय राजनीति, दर्शन, विदेश नीति आंतरिक नीति एवं विदेश नीति का दर्पण है। इसे आप सभी एक मार्गदर्शक के रूप में उपयोग कर सकते हैं। उन्होने कहा कि राष्ट्र को आगे ले जाने में जनप्रतिनिधियों एवं शासकीय सेवकों की समान जिम्मेदारी है। व्यक्ति जो भी कार्य करें पूरी ईमानदारी से करें तो निश्चित ही राष्ट्र प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा।

सुशासन दिवस पर नगर पालिका परिषद् सीधी के अध्यक्ष देवेन्द्र सिह मून्नू ने कहा कि हमने पं. दीनदयाल उपाध्याय के बारे में पढा लेकिन उनके रूप को अटल जी के रूप में देखा अटल जी जीवन अनुकरणीय है। उन्होने अपने जीवन में सिद्धांतों एवं विचारों से कभी समझौता नही किया। वे पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होने योजनाओं का नाम व्यक्ति के नाम पर न रखकर पद के नाम पर रखा जिससे योजनाएं निरंतर चलती रहें। उन्होने कहा कि अटल जी सर्वाधिक लोकप्रिय नेता थे जिनका सभी विचारधाराओं, पार्टियों के लोग सम्मान करते थे। नगर पालिका अध्यक्ष ने कहा कि हम सब जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी/कर्मचारी जनता के सेवक हैं। हमें सदैव तत्पर रहना चहिए कि किस प्रकार जनता को सहज और सुलभ न्याय तथा शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके।

इस अवसर पर कलेक्टर दिलीप कुमार ने कहा कि शासन के द्वारा सत्ता को माध्यम बनाते हुए जनता तक सेवाओं को पहुचाना ही सुशासन है। अपने कार्यक्षेत्र में जो भी नीतिगत निर्देश है उनको ध्यान में रखते हुए जनता को कम से कम असुविधा पहुचाते हुए शासन की योजनाओं का लाभ पहुचाना ही सुशासन है। हमें इस प्रकार के कार्य अपने दैनिक दिन चर्या में करने चाहिए। उन्होने कहा कि विगत कुछ दशकों में सूचना का अधिकार अधिनियम, सी.एम. हेल्पलाइन,समाधान एक दिवस, डिजिटल इण्डिया, पी.ओ.एस. मशीन द्वारा सुविधाओं का वितरण एवं समग्र पोर्टल जैसे माध्यमों ने शासन में सुशासन के उच्चतम मापदण्डों को स्थापित किया है। इसी क्रम में म.प्र. शासन 11 जनवरी 2018 से समाधान एक दिन कार्यक्रम प्रारम्भ कर रही है, जिसमें 14 विभागों की 45 सेवाओं को तहसील एवं जिला स्तर पर आवेदक को एक दिवस में उपलब्ध कराई जायेंगी। उन्होने सभी अधिकारियों/एवं कर्मचारियों से अपील की वे जनता तक योजनाओं का लाभ पहुचाने का माध्यम बने।

अधिकारियों/कर्मचारियों ने ली सुशासन की शपथ:- सुशासन दिवस के अवसर सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने शासन को अधिक पारदर्शी, सहभागी, जनकल्याण केन्द्रित तथा जवाबदेह बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास करने एवं प्रदेश में सुशासन के उच्चतम मापदण्डों को स्थापित करने तथा प्रदेश के नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लक्ष्य को पाने के लिए सदैव प्रयास करने की शपथ ली।

सुशासन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय विधायक केदार नाथ शुक्ल,नगर पालिका परिषद् सीधी के अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह मुन्नू, कलेक्टर दिलीप कुमार, एवं सभी जिला स्तरीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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