सीधी( ई न्यूज़ एमपी) आशुतोष शिव के रूप में अवतरित आदि शंकराचार्य जी ने भारत वर्ष के चारो दिशाओं में चार मठों की स्थापना कर अध्यात्मिक, सांस्कृतिक सामंजस्य एवं एक्य संस्थापन का महत्वपूर्ण कार्य किया है। कहते हैं, भगवान श्री राम ने उत्तर को दक्षिण से जोडा, भगवान श्री कृष्ण पूरब को पश्चिम से जोडा लेकिन आदि गुरू ने तो उत्तर, दक्षिण,पूरब,पश्चिम चारों तरफ से भारत को जोड दिया एकता के सूत्र गूथ दिया निरजनी अखाडा के महामण्डलेश्वर एवं गौ संर्वधन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानन्द जी ने सीधी में आयोजित एकात्म यात्रा के जन संवाद कार्यक्रम में उपस्थित जन शैलाब को सम्बोधित करते हुए कही। महामण्डलेश्वर ने कहा आदि गुरू का ही योगदान है भारत को सांस्कृतिक रूप एक रखने का। आदि शंकराचार्य का दर्शन सम्पूर्ण विश्व को विभिन्न्ताओं से परे एक सूत्र में बांधने का दर्शन है। अदि गुरू के शाशवत दर्शन को जीवन में आत्मसात करने के श्रेष्ट व्यक्ति, समाज, राष्ट्र एवं विश्व का निर्माण होगा। आदि गुरू शंकराचार्य के अद्वैतवाद समाज में बन्धुता और एकता का मार्ग प्रशस्त करता है। स्वामी जी ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदि गुरू के अद्वैतवाद के दर्शन को जन-जन तक पहुचाने के लिए लोगों में एकता और बन्धुता का भाव पैदा करने के लिए सराहनीय प्रयास किया है। इस यात्रा से बन्धुता, समरसता, एकता का संदेश पूरे विश्व में जाना चाहिए। भारत की दृष्टि समदर्शी की रही है और वसुधैव कुटुम्बकम का जीवन मूल्य दुनिया का मार्गदर्शन कर रहा है। स्वामी जी ने कहा कि जब जब समाज असावधान हुआ है तब तब उसका विषटन हुआ है। और देश खण्डित हुआ है। उन्होने कहा कि भारत में लोगों को विचारों की अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतंत्रता है। लेकिन यह देश की एकता और अखण्डता से बढकर नही है। अतः हमें विभेदनकारी ताकतों से सावधान रहने की आवश्यकता है। विषाक्त वातावरण से संस्कारयुक्त वातावरण बनाना एकात्म यात्रा का उद्देश्य हैः- पटेल एकात्म यात्रा में रूट क्रमांक 3 के यात्रा संयोजक एवं पिछडा वर्ग वित्त विकास निगम के अध्यक्ष प्रदीप पटेल ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान ओंकारेश्वर में सांस्कृतिक पुनरूत्थान कार्यक्रम में एकता के देवदूत, अद्वैत दर्शन के प्रखर प्रवक्ता एवं सनातन सांस्कृति के पुनरूद्धारक आदि शंकराचार्य जी का पावन स्मरण कर माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा आेंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की गई थी। आदि शंकराचार्य से जुडे चार स्थानों यथा ओंकारेश्वर, उज्जैन, पचमठा रीवा, एवं अमरकंटक से 19 दिसम्बर 2017 से एकात्म यात्रा प्रारम्भ की गई है। एकात्म यात्रा का उद्देश्य आदि शंकराचार्य के जीवन एवं कर्तव्य का पावन स्मरण करना है जिससे श्रेष्ठ व्यक्ति, समाज, राष्ट एवं विश्व का निर्माण हो सके। उन्होने कहा कि एकात्म यात्रा निर्मित हो चुके विषाक्त वातावरण को संस्कारयुक्त वातावरण करने के लिए सार्थक सिद्ध हो रही है। सनातन संस्कृतिक के पुनरूद्धारक एवं सास्कृतिक एकता के देवदूत हैं आदि गुरू शंकराचार्य- केदार स्थानीय विधायक केदारनाथ शुक्ला ने कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य अद्वैत वेदांत दर्शन के प्रखर प्रवक्ता सनातन संस्कृतिक के पुनरूद्धारक एवं सांस्कृतिक एकता के देवदूत हैं। उन्होने मॉ नर्मदा के तट पर ज्ञान प्राप्त किया। सुदूर केरल से आठ वर्ष के बाल संन्यासी का 12 सौ वर्ष पूर्व 2000 किलो मीटर की पद यात्रा कर गुरू की खोज में गुरू गोविन्दपाद के आश्रम में पहुचना और केवल चार वर्ष में ब्रम्ह ज्ञान प्राप्त करने के पश्चात उपनिषदों ब्रम्ह सूत्र और गीता पर महाभाष्य लिखना किसी चमत्कार की तरह प्रतीत होता है। उन्होने कहा कि म.प्र. शासन द्वारा आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के लिए सांकेतिक धातु संग्रहण एवं जन जागरण अभियान में हम सब सहभागी बने और उनके शाश्वत दर्शन को जीवन में आत्मसात करें यही भारत की सांस्कृतिक,धार्मिक और आध्यात्मिक एकता में उनके अखण्ड योगदान के लिए हमारा प्रतिदान होगा। आज एकात्म यात्रा मझौली,ताला, छुही, तिलवारी, होते हुए करवाही में सीधी विकास खण्ड में प्रवेश की। करवाही में धौहनी विधान सभा क्षेत्र के विधायक कुवर सिंह टेकाम ने सीधी विधान सभा क्षेत्र के विधायक केदार नाथ शुक्ला को आदि गुरू शंकराचार्य की पादुका एवं ध्वज सौपे गये। उसके बाद छवारी, खाम्ह, चौफाल, बघवारी, बंजारी, पनवार,जमोडी से होते हएु संजय गॉधी स्मृति महाविद्याल सीधी के मैदान में पहुची। सडक के किनारे लम्बी कतार में खडे लोगो ने पुष्प वर्षा कर चरण पादुका एवं ध्वज का स्वागत किया। यात्रा के साथ साथ एकात्म यात्रा में रूट क्रमांक 3 के यात्रा संयोजक एवं पिछडा वर्ग वित्त विकास निगम के अध्यक्ष प्रदीप पटेल, स्थानीय विधायक केदार नाथ शुक्ला , कलेक्टर दिलीप कुमार, पुलिस अधीक्षक मनोज श्रीवास्तव, देवेन्द्र सिंह मुन्नू, नगर पालिका अध्यक्ष, शकुनतला सिंह जनपद अध्यक्ष सीधी, डॉ. राजेश मिश्रा, के.के. तिवारी, अमिताभ श्रीवास्तव, गायत्री परिवार, प्रजापतिब्रम्हकुमारी आश्रम की बहने एवं धर्म गुरू गणमान्य नागरिक, छात्र/छात्राऐं, सरपंच एवं प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ कोर टीम के सदस्य उपस्थित रहें। सीधी विधायक केदार नाथ ने चॉदी का कलश किया भेटः- स्थानीय विधायक केदार नाथ शुक्ला ने आदि गुरू शंकराचार्य की 108 फीट ऊची अष्टधातु मूर्ति निर्माण हेतु प्रतीक स्वरूप चॉदी का कलश स्वामी जी को भेट किया।