दिल्ली (ई न्यूज एमपी)-झारखंड के 10 साल पुराने कोयला घोटाला में शनिवार को सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा समेत 4 दोषियों को 3-3 साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने कोड़ा पर 25 लाख और पूर्व कोयला सेक्रेटरी एचसी गुप्ता पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। दिल्ली हाईकोर्ट में अपील के लिए सभी दोषियों को 2 महीने की अंतरिम जमानत दी गई है। बुधवार को कोल ब्लॉक आबंटन में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट ने कोड़ा, गुप्ता, झारखंड के पूर्व चीफ सेक्रेटरी एके बसु और कोड़ा के करीबी विजय जोशी को दोषी करार दिया था। इसके बाद कोड़ा ने फैमिली और हेल्थ का हवाला देकर सजा में नरमी बरते जाने की अपील की थी। शनिवार को स्पेशल जज भरत पाराशर ने मधु कोड़ा, एचसी गुप्ता, एके बसु और विजय जोशी को 3-3 साल की सजा सुनाई। साथ ही कोड़ा पर 25 लाख और गुप्ता पर 1 लाख का जुर्माना लगाया। इसके अलावा कोर्ट ने एक प्राइवेट कंपनी को भी घोटाले में दोषी मानते हुए 50 लाख का जुर्माना ठोंका। - सीबीआई ने चार्जशीट में कोड़ा, गुप्ता समेत चारों आरोपियों के खिलाफ 120बी (आपराधिक साजिश), 420 धोखाधड़ी, 409 (सरकारी पद पर रहते हुए विश्वासघात) और भ्रष्टाचार विरोधी कानून के तहत आरोप लगाए थे। जिनमें सभी को दोषी करार दिया गया था। कैसे हुआ था घोटाला - यह केस झारखंड स्थित राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक के कोलकाता की वीआईएसयूएल को आवंटन में अनियमितता से जुड़ा है। विनी आयरन एंड स्टील उद्योग से 14 सितंबर 2006 को तत्कालीन उद्योग सचिव अरुण कुमार सिंह ने धनबाद में छह लाख टन की क्षमता का स्टील प्लांट लगाने का एमओयू किया था। - कंपनी से निदेशक संजीव तुलस्यान ने साइन किए थे। कोर्ट ने इस केस के चार आरोपियों को बरी किया है। इनमें वीआईएसयूएल के डायरेक्टर वैभव तुल्सयान, सीए नवीन कुमार तुल्सयान, IAS बसंत कुमार भट्टाचार्य और बिपिन बिहारी सिंह शामिल हैं। सरकार ने ब्लॉक दूसरी कंपनी को दिया - कोड़ा सरकार ने राजहरा नार्थ कोल ब्लॉक आवंटन के लिए पहले मुकुंद लिमि. और जूम बल्लभ कंपनी का नाम केंद्रीय कोयला मंत्रालय को भेजा था। फिर साजिश से इसे विनी आयरन एंड स्टील को आवंटित कर दिया। - कोर्ट में सीबीआई ने बताया था कि मंत्रालय ने जब सरकार से ब्लॉक आवंटन के लिए नाम मांग तो दो कंपनियों के नाम भेजे गए। इसमें विनी आयरन नहीं थी। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई, तो झारखंड के तत्कालीन सीएस एके बसु शामिल हुए। - उन्होंने कहा कि सीएम की इच्छा है कि विनी आयरन को ब्लॉक आवंटित हो। तब कोयला सचिव एचसी गुप्ता ने कहा कि उस कंपनी का प्रस्ताव ही नहीं भेजा गया है। तब बसु ने कहा कि विनी को ब्लॉक आवंटित नहीं करेंगे, तो वे बैठक की कार्यवाही के कागजात पर साइन नहीं करेंगे, क्योंकि सीएम का ऐसा आदेश है। - गुप्ता ने लिखित प्रस्ताव भेजने को कहा। तब की सरकार ने नया प्रस्ताव नहीं भेजा। तब स्क्रीनिंग कमेटी ने मुकुंद लिमि. को ब्लॉक देने की अनुशंसा की। बसु ने कहा कि मुकुंद लिमि. की हालत ठीक नहीं है, तब विनी आयरन को ब्लॉक दे दिया गया। गुप्ता ने प्रधानमंत्री से छिपाए थे फैक्ट्स - वीआईएसयूएल ने 8 जनवरी 2007 को कोल ब्लॉक के लिए अप्लाई किया था। झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने इसे ब्लॉक देने की सिफारिश नहीं की, लेकिन 36वीं स्क्रीनिंग कमेटी ने इसकी सिफारिश कर दी। - तब स्क्रीनिंग कमेटी के प्रेसिडेंट एचसी गुप्ता कोयला मिनिस्ट्री का काम देख रहे थे। उन्हाेंने तब पीएम मनमोहन सिंह से यह बात छिपाई कि सरकार ने कंपनी को कोल ब्लॉक देने की सिफारिश नहीं की है। सीबीअाई के मुताबिक, कोड़ा, बसु और दो अन्य ने वीआईएसयूएल को ब्लॉक आवंटन की साजिश रची थी। साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप साबित - सीबीआई कोर्ट ने कोड़ा सहित सभी दोषियों को आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी, सरकारी कर्मचारी द्वारा आपराधिक विश्वासघात और भ्रष्टाचार का दोषी करार दिया। निर्दलीय विधायक कोड़ा 709 दिन तक रहे CM - सीएम कोड़ा 14 सितंबर 2006 से 27 अगस्त 2008 तक 709 दिन सीएम रहे। उन पर 4000 करोड़ के घोटाले का केस है। आयकर विभाग ने कोड़ा और साथियों के 79 ठिकानों पर छापेमारी की थी। विनी को सरकार दे रही थी पानी-बिजली - विनी आयरन एंड स्टील के साथ तय हुआ था कि इसे अलग से आयरन ओर और कोल ब्लॉक नहीं दिया जाएगा। सरकार जमीन, पानी और बिजली उपलब्ध कराने में मदद करेगी। सरकार के लोक उपक्रम से कच्चे माल का लिकेंज दिया जाएगा। बाद में दो बार एमओयू का टर्म बढ़ा था। - इसी बीच कोड़ा के करीबियों ने कंपनी को कब्जे में कर लिया। फिर सरकार ने विनी स्टील कंपनी के लिए राजहारा नॉर्थकोल ब्लॉक और चाईबासा स्थित कुरता आयरन ओर माइंस आवंटित करने की अनुशंसा की।