सीधी (ई न्यूज एमपी)- चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है वैसे ही नेताओ को अब जन समस्याये सताने लगी है,समस्याओ पर भले ही दमखम न हो पर जनता को जताने के लिये आंदोलन उनकी मजबूरी है। बिजली पानी सडक स्वास्थय शिक्षा जैसी मूलभूत समस्याये कोई नई बात नही है,और इससे सीधी जिले को निजात दिला पाना बडा मुश्किल काम है फिर भी जनप्रतिनिधि अपनी ड्यूटी बजा रहे है,बजाना भी उनकी मजबूरी है क्योकि जनता ने उन्हे चुनकर भेजा है। जनप्रतिनिधियो द्वारा शासन प्रशासन के समक्ष रखी जा रही समस्याओ को प्रशासनिक अमला नितिगत नही मानता,बिजली मुद्दे की बात करे जो सबसे बडी समस्या है, खास तौर से सिहावल मे.....? सिहावल के अधिकांश स्थानों मे बिजली समस्या को लेकर हो रहे हल्ला पोय के मामले मे संच्चाई यह है कि ज्यादातर बिजली के बिलो का भुगतान आज भी लंम्बित है, अधिकांश ट्रासर्फमर जले पडे है जिनको बदला जाना मुश्किल है,ऐसे मे हंल्ला पोय लाजिमी है। जनप्रतिनिधियो द्वारा समय समय पर प्रशासन को समस्याओ के प्रति आगाह करते रहे है,लेकिन कल तक आश्वासन ही हाथ लगा है,चूंकि नेता जी के अधिकांश मुद्दो को प्रशासन नितिगत नही मानता,बिजली विभाग बिजली के मुद्दे मे केवल 25 प्रतिशत समस्याओ को स्वीकार किया है,अब ऐसे मे नेता जी फिर अपने मे उतरे तो क्या होगा......?