सीधी (ई न्यूज़ एमपी )जिला न्यायधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष पी.सी. गुप्ता के मार्गदर्शन में विगत दिवस जिला जेल सीधी में विधिक साक्षरता, विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। शिविर मे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुधीर सिंह राठौर ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रत्येक बन्दी को उसके मुकदमें मे बचाव हेतु निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करने के लिए कृत संकलपित है। कोई भी बन्दी न्यायालय अथवा जिला प्राधिकरण में निःशुल्क विधिक सहायता हेतु अनुरोध कर सकता है श्री राठौर ने कहा कि कारागार सजा भोगने का नही अपितु प्रायाश्चित करने का स्थल है उन्होने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 9 दिसम्बर को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में समस्त प्रकार के आपराधिक राजीनामा योग्य प्रकरणों का निराकरण किया जा सकता है।श्री राठौर ने कहा कि कारागार में भी बन्दीयों को मौलिक अधिकार जैसे परिजनों से मिलने का अधिकार, पढाई का अधिकार, अच्छे भोजन का अधिकार आदि प्राप्त रहते हैं। बन्दी के कारागार से बाहर निकलने पर उसे जिम्मेदार नागरिक बनना चाहिए।न्यायाधीश राजेन्द्र अहिरवार ने कैदियों को प्ली- वारगनिंग के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि प्ली वारगेनिंग दाण्डिक प्रकरण में मझौते के आधार पर अभियुक्त एवं पीडित के मध्य प्रकरण के अंतिम निराकरण हेतु एक अनुबंध है जो न्यायालय के निर्देशन एवं नियंत्रण में होता है। श्री अहिरवार ने बन्दियों से प्ली वारगेनिंग प्रक्रिया का लाभ उठाने और अपने प्रकरणों का निराकरण कराने की अपील की।शिविर में उपस्थित विधिक सहायता अधिकारी अमित शर्मा ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित जन हितैषी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। शिविर में जेल अधीक्षक, कुलवंत सिंह, जेल उपाधीक्षक, संजीव गेदले समस्त जेल स्टाप एवं बन्दीगण उपस्थित थे।