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50 लाख रूपये की लागत से निर्माण कराये परिसंचरणीय जल कृषि प्रणाली :सहायक संचालक कृषि

सीधी(ईन्यूज़ एमपी) |किसानों की आय दुगनी करने के लिए तथा मत्स्य पालन के विकास हेतु मत्स्य पालन विभाग द्वारा कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा नील क्राति अन्तर्गत मत्स्य पालन की योजनाएं क्रियान्वित हैं। सहायक संचालक श्री पटेल ने बताया कि इकाई लागत हेतु हितग्राही स्वयं के व्यय अथवा बैंक ऋण से कर सकता है। भारत सरकार द्वारा समस्त नील क्रांति योजना में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को 60 प्रतिशत और सामन्य वर्ग के हितग्राहियों को 40 प्रतिशत अनुदान देय है।
उन्होने बताया कि पुनः परिसंचरणीय जल कृषि प्रणाली हितग्राही को स्वयं की भूमि पर 8 टैंक, 90 क्यूबिक मीटर क्षमता के निर्मित कराने होगें इसमें पानी बिजली की समुचित व्यवस्था होना आवश्यक है प्रत्येक टैंक से 5 मैट्रिक्ट टन मत्स्य उत्पादन होना आवश्यक है। इसके निमार्ण के लागत 50 लाख रूपये है। भूमि के दस्तावेज, नक्शा, खसरा, निर्माण कार्य तकनीकी अमले की देख रेख में होगा।
सहायक संचालक ने बताया कि हितग्राही स्वयं की 2 हैक्टेयर की भूमि पर 25 लाख रूपये की लागत से सर्कुलर हैचरी की स्थापना कर सकते हैं (जिसकी उत्पादन क्षमता) 100 लाख फ्राई प्रति वर्ष होनी चाहिए। हैचरी में ब्रुडर पोण्ड, संवर्धन पोण्ड, ओवर हेड टैंक जल एवं विद्युत की आपूर्ति होना आवश्यक है। विभागीय यंत्री द्वारा हितग्राही की भूमि उपयुक्त पाये जाने पर हितग्राही का चयन कर प्लान तथा स्टीमेट इंजीनियर द्वारा बनाया जायेगा। हितग्राही को सम्बन्धित विषय का प्रशिक्षण दिया जायेगा। हितग्राही को शासकीय दर से मत्स्य बीज विक्रय करना होगा।
श्री पटेल ने बताया कि मत्स्य बीज संवर्धन जल क्षेत्र निर्माण एवं इनपुट कास्ट इकाई के निर्माण पर 6 लाख रूपये योजना लागत है। अधिकतम 2 हैक्टेयर तक के लिए अनुदान की पात्रता होगी। 1 हैक्टेयर मत्स्य बीज संवर्धन क्षेत्र निर्माण पश्चात मत्स्य बीज संवगर्धन हेतु 1.50 लाख इनपुट कास्ट का प्रावधान है योजना के अन्तर्गत सभी वर्ग के हितग्राही पात्र होगें। भूमि के दस्तावेज नक्शा, खसरा पानी की व्यवस्था के सम्बन्ध में जानकारी देनी होगी। निर्माण कार्य तकनीकी अमले द्वारा किया जायेगा।
उन्होने बताया कि योजना के अन्तर्गत जलाशय में केज/पेन के निर्माण पर केवल प्रथम उपज हेतु (मत्स्य बीज, आहार, उरर्वरक दवाईयां एवं परिवहन का व्यय) 3 लाख रूपये प्रति केज होगा। जलाश्य मे जिस स्थान पर केज लगाया जाना हो वहां पर जल स्तर की गहराई पूरे वर्ष 10 मीटर होना चहिए जिससे प्रति केज 4 से 5 टन पंगेशियस मत्स्य उत्पान प्राप्त हो।

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