सीधी : बघेलखण्ड की परम्परा, संस्कृति, साहित्य और समाज के समग्र उत्सव को एकसूत्र में बांधता है सीधी लोकोत्सव सीधी की लोक छवि को विष्वपटल पर उतारने का प्रयास वर्ष 2010 से जारी है। इस लोकोत्सव में फ्रांस, स्विटजर लैण्ड, सिनेमा हस्तियां व देष की प्रतिष्ठित, कला समीक्षक, साहित्कार कर चुके हैं षिरकत। गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी इन्द्रवती नाट्य समिति सीधी के 1 से 9 अक्टूवर 2015 तक 9 दिवसीय आयोजन में देष भर के प्रतिष्ठित साहित्यकार, समीक्षक व कलापारखियों का आगमन होगा व साथ ही मध्यप्रदेष नाट्य विद्यालय की 40 सदस्यीय टीम Сबघेलखण्डТ के लोककला रूपों के दर्षन व प्रषिक्षण के लिए आ रही है। लोकोत्सव के दौरान सीधी जिले में इन्द्रवती नाट्य समिति द्वारा बनाए गए 105 लोक कलाग्रामों को इस उत्सव में दिनांक 1 से 8 तक नाटक लतमरबा से शुरू करते हुए अहिराई, अहिराईलाठी, चंदैनी, छाहुर, सजनई, बिरहा, करमा, गुदुम बाजा, शैला, टप्पा, सुआ, ददरिया, कोलदहका, भगत, फाग, लहलेदवा, चमरौहीं, झोलइया, लागा, कजरी, हिंढुली, संस्कार गीत, रामायण, बरूआ, बसदेवा, हरबोल व तमाम जातीय नृत्य,गीतों की प्रस्तुति होगी। साथ ही प्रत्येक लोक कलाग्रामों में लोक वयंजन बनाए जाएंगे। यह उत्सव पूर्णतः पारम्परिक व अपनी लोक संस्कृति से देष को परिस्थित कराने के उद्देष्य से होगा। ग्रामीण आयोजनों में जिले की तमाम सक्रिय नाट्य संस्थाऐं टाटा षिक्षा एवं सामाजिक विकास समिति, अंगराग नाट्य समिति लकोड़ा, एक्सट्रीम आर्ट एण्ड एजुकेषनल सोसाइटी, पहल समिति सीधी, साइलेन्ट थिएटर एक्ट सोसाइटी, रंगपटल परफाॅर्मिंग आर्ट, बेस्ट इंटेलिजेन्स थिएटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, रमा थिएटर ग्रुप, अनुभूति नृत्य एवं नाट्य समिति, नटखट मित्र व लोक कलाग्राम होंगे। लोकोत्सव में सीधी के समस्त साहित्यकार, कलाकार, रंगकर्मी व सामाजिक जनों की गरिमामयी उपस्थिति होगी व इस 9 दिवसीय उत्सव के संरक्षक इंजी. आर.बी. सिंह (संरक्षक - इंन्द्रवती नाट्य समिति) व डाॅ. अनूप मिश्रजी होंगे एवं लोकोत्सव में सीधी रंगकर्मियों की 20 सदस्यीस टीम कार्य करेगी। जिसमें रामनरेष सिंह चैहान, बाबूलाल कुन्देर, रोषनी प्रसाद मिश्र, नीरज कुन्देर, नरेन्द्र बहादुर सिंह, रजनीष जायसवाल, पुष्पेन्द्र कुमार वर्मा, प्रवीण पाण्डेय, करूणा सिंह चैहान, प्रजीत साकेत, उपेन्द्र कुसराम, आरती यादव, देवेन्द्र पटेल, सुन्दर लाल सिंह, षिव नारायण कुन्देर, दषरथ विष्वकर्मा, बंदना सिंह, राकेष जायसवाल, प्रेमसुख जायसवाल, चेतना सिंह व लोककला ग्रामों के स्थानीय संयोजक प्रमुख सहयोगी होंगे।