🙏🏻🌹सद् वाक्य 🌹🙏🏻 विपति धैर्यमथाभ्युदये क्षमा, सदसि वाकपटुता युधि विक्रम: । यशसि चाभिरुचिर्व्यसनं श्रुतौ, प्रकृतिसिद्धमिदं हि महात्मनाम् ।। भावार्थ ---आपतकाल में धैर्य रखना, सम्पन्नता/सक्षमता के समय क्षमाशील होना, सभा में वाकपटुता, युद्ध में पराक्रमशीलता, यश के कार्यों और स्वाध्याय/ज्ञानार्जन में रुचि रखना- महान व्यक्तियों में ये गुण स्वाभाविक रूप से पाए जाते हैं ।। 🌹सुप्रभातम् 🌹 🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞 ⛅ *आज का दिनांक 05/08/ 2017* ⛅ *दिन -शनिवार* ⛅ *विक्रम संवत - 2074* ⛅ *शक संवत -1939* ⛅ *अयन - दक्षिणायण* ⛅ *ऋतु - वर्षा* ⛅ *मास - श्रावण* ⛅ *पक्ष - शुक्ल* ⛅ *तिथि - त्रयोदशी* ⛅ *नक्षत्र - पूर्वाषाढा* ⛅ *योग - विष्कुम्भ* ⛅ *राहुकाल - 09:07amसे10:37am तक* ⛅ *सूर्योदय - 05,58am* ⛅ *सूर्यास्त - 06,57pm* ⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में* आवश्यक होने पर माषान्न /तिल का सेवन कर यात्रा करें। 🌹शनि प्रदोष का व्रत आज, पुत्र की कामना हेतु🌹 🌳 सिद्धयोग🌳 --------------------------- शनि एवं रिक्तातिथि के योग हेने पर सिद्ध योग रात्रि 08:23 के बाद। ------------------------------- ग्रह स्थिति:---- सूर्य:---कर्क चन्र्द:--धनु भौम:--कर्क बुध:--सिंह गुरु:--कन्या शुक्र:--मिथुन शनि:--वृश्चिक राहु:--सिंह केतु:--कुम्भ समयशूल:--- उषाकाल में पूर्व को,गोधूलि में पश्चिम दिशा कोअर्द्ध रात्रि में उत्तर दिशा को,और मध्यान्ह काल में दक्षिण दिशा को नहीं जाना चाहिए। आचार्य प्रभाकर प्रसाद शास्त्री ☎9826888211, 9685429985 देवी धाम(ओवरहा) बम्हनी सीधी म०प्र०