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अधूरे कूप ने लेली नवविवाहिता की जान कुसमी जनपद के मेडरा पंचायत मे बडा हादसा

सीधी :-जहां शासन से बैगा प्रजातियों को बचाने के लिये शासन कडोरो की राशि खर्च कर रही है बही जनपद कुसमी के जिम्मेदार अधिकारियो द्वारा निर्माण कार्यो मे अनदेखी कर के इन प्रजातियों को गुमराह किया जा रहा है।आदिवासी जनपद पंचायत कुसमी के पंचायत मेडरा मे कर्मचारियों की भारी लापरवाही बजह से एक वैगा परिवार की नवविवाहिता आदिवासी बहू की जान चली गई है। जिससे कुसमी क्षेत्र मे सन्नाटा पसरा है बताया गया है कि यह कूप मनबहोर बैगा पिता बितानी बैगा के नाम से वर्ष 2011,12मे पंचायत से 2,71000रूपये मे स्वीकृत हुआ था। दिनांक 28.012012 से इसका निर्माण कार्य शुरू किया गया था जिसमे मजदूरी के नाम पर 1,00107 रुपये आहरण कर दिया गया था,और 86625 रूपये मटेरियल सामग्री क्रय कर ली गई थी।यानी कूप मे 1,86732 रूपये पूर्व सरपंच सचिव द्वारा आहरित कर ली गई है।और दिनांक 22,8,2016 तक काम चलना बताया गया है। और सूत्र बताते है कि इसकी सी सी भी जनपद के पदाधिकाररियो द्वारा जारी कर दिया गया है।यानी आप यह समझ सकते है कि यह कूप बनाने मे पंचायत ने लगभग चार साल कुछ महीने लगा दिये लेकिन कूप आज भी खण्डर ही दिख रहा है।ऐसा लगता है कि कोई भी अनजान ब्यक्ति या मवेशी कभी भी उस कूप मे गिर सकते है क्यो कि उसका आज तक जगत ही नही बना और तो और आज तक पूरी उसकी बधाई कार्य जमीन से ऊपर नही हो पाया है। उसी कूप मे बताया जा रहा है कि नवविवाहिता बैगा परिवार की बहू पूजा बैगा पति शिवचरन बैगा उम्र 22बर्ष पानी लेने पहुची और उसका पैर फिसला और उसकी मृत्यु हो गई। गाव मे एकत्रित लोगो ने उस कूप को लेकर जिम्मेदार सरपंच सचिव को खूब कोषा। पूजा की लाश कुसमी पुलिस व तहसीलदार कुसमी के समझ निकालवायी गई।उसका पी यम कर लाश परिजनो को सौप दी गई है लाश निकलवाने उपरांत उपस्थित बैगा परिवार उस खण्डहर कूप के बिषय को लेकर नाराजगी की बात ब्यक्त कर रहे थे।आपको बता दे कि पिछले अंक मे अधूरे कूप वनाकर कर रहे सी सी जारी शीर्षक के नाम से पिछले सप्ताह खवर.समाचार पत्रो मे चलाई थी जिसमे यह उल्लेख किया गया था कि जिन हितग्राहियो के घर के पास इस तरह अधूरे कूप बनाकर छोड दिये गये है उनमे कभी भी कोई हादसा हो सकता है जिसका जीता जागता उदाहरण पूजा बैगा के मौत से समझा जा सकता है। शासन के बैगा परिवार के प्रोजेक्ट मे इजाफा होने की बजाए एक संख्या और कम हो गई है।

और भी हो सकते है ऐसे कूप

आदिवासी वाहुल्य होने से यहाँ के निर्माण कार्यों मे सरपंच सचिवो द्वारा मनमानी कार्य किया जा रहा है इसके लिए यस डी ओ इन्जीनियर की मिली भगत बताई जा रही है।और शासकीय पैसो का भी दुर्उपयोग हो रहा है पिछले सप्ताहो के खबर मे यह प्रकाशित किया गया था कि कुसमी जनपद की पंचायते कूप निर्माण कार्य मे हीलाहवाली करती आ रही है सक्षम नही है जिससे हितग्राहियो के
कूप का पूरा काम नही किया जा रहा है और कूपो की सी सी जारी करके राशि शासन को वापस कर दी जा रही है। जिससे हितग्राहियो को इन अधूरे कूप की समस्या क्षेत्र मे बनी हुई ह़ै।और आज तक उन अधूरे कूपो पर कार्यवाही जनपद स्तर से नही हो पा रही है जबकि सूत्र बताते है कि अभी भी ऐसे अधूरे कूप क्षेत्र मे है उनकी सी सी जारी की जा रही है और.एस डी ओ इन्जीनियर की मिली भगत से ही काम किये जा रहे है।अगर इन सभी विषयो पर जिला अधिकारियों द्वारा पहल नही किया गया तो कर्मचाररियो की तरकीब मे अंकुश नही लग पायेगा।

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