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सीधी - सामाजिक, राजनैतिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था में बदलाव से ही आयेगी सामाजिक समरसता- सांसद श्रीमती पाठक

सीधी - सामाजिक, राजनैति एवं प्रशासनिक व्यवस्था में बदलाव से ही सामाजिक समरसता आयेगी। बाबा भीमराव अबेंडकर ने सामाजिक विकास की जिस परिकल्पना का निर्माण किया था उसका क्रियान्वयन सही ढग से न होने के कारण समाज उस स्तर पर विकसित नहीं हो पाया है जैसा होना चाहिये। इसके लिये हमें अपने आपको तैयार करना होगा। जब तक सामाजिक व्यवस्था के बदलाव के लिये अपने आपको तैयार नहीं करेगे तब तक समरसता नहीं आ सकती। इसके लिये आपसी सामाजस्य और सहयोग की आवश्यकता है। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के विचारों को अपने जीवन में उतारना सबसे बड़ी आवश्यकता है। बाबा साहेब के जन्म दिवस के दिन से ही प्रधानमंत्री द्वारा ग्राम उदय से भारत उदय कार्यक्रम का शुभारंभ किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का भी मुख्य उद्वेश्य यही है कि समाज के सबसे अंतिम पक्ति में खड़े व्यक्ति का सही मायनों में विकास कर उसे विकास की धुरी में लाया जाये। उक्ताशय के विचार आज सासंद श्रीमती रीति पाठक ने व्यक्त किये। वे आज कलेक्ट्रेट सभागार में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 125 वीं जयंती एवं सामाजिक समरसता कार्यक्रम कें शुभारंभ के अवसर पर मुख्यअतिथि के रूप से संबोधित कर रही थी। उन्होने सामाजिक सदभाव व समता मूलक समाज की संकल्पना को साकार करने के लिये शपथ दिलायी।

इस मौके पर धौहनी विधानसभा क्षेत्र के विधायक कुंवर सिंह टेकाम,नगरपालिका अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष राजमणि साहू, वरिष्ठ समाज सेवी चन्द्रमोहन गुप्ता, वकील आनन्द पाण्डे, इन्द्रशरण सिंह, कलेक्टर विशेष गढपाले, पुलिस अधीक्षक आबिदखान, वनमण्डलाधिकारी वाई.पी.सिंह, सहायक कलेक्टर श्रीमती भव्या मित्तल, अपर कलेक्टर डॉ. एम.पी.पटेल, एडीशनल एस.पी. संदीप शेंण्डे,एस.डी.एम. शैलेन्द्र सिंह, आदिवासी विकास के सहायक आयुक्त के.के.पाण्डे सहित जनप्रतिनिधि और जिला अधिकारी उपस्थित थे।
सांसद श्रीमती पाठक ने कहा कि उन्होने कहा कि आज का दिन इस मायने में ऐतिहासिक दिन है कि गरीबो, दलितो के विकास के लिये ग्राम उदय से भारत उदय कार्यक्रम का शुभारंभ करने की पहल की जा रही है। आज राजनैतिक महत्वाकक्षांओ को पूरा करने के लिये जातीय धु्रवीकरण किया जाता है जबकि विकास आधारित राजनीति की जानी चाहिये। उन्होने कहा कि सामाजिक समरसता का अर्थ है कि सबका विकास हो किसी भी पिछड़े, शोषित एवं दलित व्यक्ति के साथ भेदभाव न किया जाये। उन्होने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर को सच्ची श्रद्धाजलि तभी होगी जब हम सच्चे मायनों में सामाजिक व्यवस्था में बदलाव लाये।
धौहनी विधानसभा क्षेत्र के विधायक कुंवर सिंह टेकाम ने कहा कि हमारा देश सामाजिक समरसता के साथ आगे बढ रहा है। सामाजिक बुराई को मिटाने के लिये हमारा समाज आगे आया है धीरे-धीरे जातीय असमानताये दूर हो रही है। आज राजनैतिक दल जातीय आधार पर वोट नहीं मागते बल्कि विकास के नाम पर वोट मांगते है यह समाज के बदलाव का प्रतीक है। हम अन्त्योदय के विचार के साथ आगे बढ रहा है उसका पहला सोपान ही सामाजिक समरसता है। समानता की बाते सभी व्यक्तियों के अंदर आनी चाहिये। जब तक हम आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होगे तब तक सामाजिक समरसता की बात सोचना ही गलत है। हम सभी अपनी-अपनी जिम्मेदारी के साथ आगे आये और इस सिद्धांत पर काम करे कि हम बदलेंगे तो युग बदलेगा तथा हम सुधरेगे तो युग सुधरेगा। हम अपने आप में पाजिटिव सोच रखे।
कलेक्टर विशेष गढपाले ने सामाजिक समरता कार्यक्रम आयोजित किये जाने के उद्येश्य पर प्रकाश डालते हुये कहा कि इस वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री के निर्देश पर पूरे राष्ट्र में बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की 125 वीं जयती हो सामाजिक समरसता और सामाजिक सौहार्द के रूप में मनाया जा रहा है । तथा कल्याणकारी योजनाओं से बंचित हितग्राहियों को हितग्राहीमूलक योजनाओं से लाभान्वित करने के लिये आज से ही ग्राम उदय से भारत उदय कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है। उन्होने कहा कि डॉ. भीमराव अंम्बेडकर ने दूरगामी सोच के साथ का किया। उनके शोध के आधार पर ही आर.बी.आई. काम कर रहा है 1945 में उन्ही के शोध के आधार पर फाइनेन्स कमीशन बना। प्रसूति सहायता और मातृत्व अवकाश तथा श्रमिको के काम के कितने घंटे होने चाहिये यह सब डॉ अम्बेडकर की सोच के आधार पर बनाया गया। उन्होने संविधान निर्माण में तो अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया ही। उनको सच्ची श्रद्धाजलि यही होगी कि हम समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति को लाभ देने के लिये कटिबद्ध हो जाये।
नगरपालिका अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह ने कहा कि अब समाज में धीरे-धीरे सामाजिक समरसता आ रही है। समाज के लोग छुआ-धूत एवं जात-पात की बाते कम करते है। उन्होंने कहा कि जब तक अंतिम छोर में खडे़ व्यक्ति का विकास नहीं होगा तब तक सच्चे अर्थो में विकास नहीं होगा।
पुलिस अधीक्षक श्री खान ने कहा कि हमारे समाज को उदारवादी दृष्टिकोण अपनाना चाहिये आज संकुचित दृष्टिकोण ने कुछ विशेष जातियो को उनके अधिकारों से बंचित कर दिया है। उन्हे साथ लेकर चलने की आवश्यकता है। आज की शिक्षा प्रणाली के तहत जो हम पढ रहे है तो हमारे अंदर नहीं आ पा रहा है हमारी मानसिकता परिवर्तित नहीं हो पा रही है। समाज आज भी अन्तरजातीय विवाह के लिये तैयार नहीं है। इस सोच में परिवर्तन की आवश्यकता है।
वरिष्ठ समाज सेवी चन्द्रमोहन गुप्ता ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का व्यक्तित्व बहुत विशाल था वे संविधान निर्माता होने के साथ ही कुशल अर्थशास्त्री भी थे। उनके कई शोघपत्रो के आधार पर आज भी आर.बी.आई कार्य कर रहा है।
इस मौके पर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री साहू, वकील श्री पाण्डे,वनमण्डलाधिकारी श्री सिंह, एडीशनल एस.पी. श्री शेन्डे ने भी विचार व्यक्त किये।

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