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जब बेटी साध्वी ने जिद कर अपने पिता से बनवाया शौचालय

सीधी - स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत जहॉ एक ओर कलेक्टर से लेकर नोडल अधिकारी और प्रेरक अल सुबह जगकर बाहर शौच जाने वाले ग्रामीणों को समझाते हैं कि वे अपने घरो में शौचालय बनवायंे और उसका उपयोग करें। बाहर शौच के लिए न जांय। जिले को जून माह तक बाहर शौचमुक्त करने का अभियान चलाया गया है वहीं रामपुर नैकिन के छोटे से ग्राम कुसमहर की 11 वीं कक्षा में पढने वाली साध्वी गुप्ता ने अपने पिता और माता से जिद कर अपने घर में शौचालय बनवाने के लिए मजबूर किया और परिवार तथा समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया।
कुसमहर पंचायत की रहने वाली साध्वी गुप्ता सीधी जिले के उत्कृष्ट विद्यालय के कक्षा 11 वीं की छात्रा है। अन्य ग्रामीणों की तरह उनके घर में भी शौचालय नहीं था और शौच के लिए मजबूरन उन्हें बाहर जाना पड़ता था। शौच के लिए बाहर जाने पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था यदि असमय में शौच जाना पड़े तब तो परेशानी की हद हो जाती थी। बारिस के मौसम में भीगने के साथ कीडे-मकोडों का डर अलग रहता था लेकिन संकोच और गरीबी के कारण सभी बहनें बाहर शौच के लिए जाती थी लेकिन इस परेशानी से अपने मॉ एवं पिता को नहीं बताती थीं लेकिन जब जिले में स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत हर घर में शौचालय बनाने का अभियान चलाया गया और बाहर शौच जाने से होने वाली बीमारियॉ की बात बताई गई तो साध्वी गुप्ता के भी समझ में आया कि बाहर शौच जाने में कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तीनों बहनों ने मिलकर ठाना कि अब संकोच नहीं करना है और अपने पिता से घर में शौचालय बनाने के लिए कहना है। बच्चियों की जिद के आगे पिता की एक न चली और वो भी घर में शौचालय बनाने के लिए तैयार हो गया। शौचालय के लिए गड्ढा तैयार करने के दौरान तीनों बहनों ने मिलकर श्रमदान किया अब उनका शौचालय बनकर तैयार हो गया है। साध्वी गुप्ता और दोनों बहनें अब गांव वालों को बड़े उत्साह के साथ बताती हैं कि वे अपने घर में बने शौचालय का ही उपयोग करती हैं। घर में शौचालय होने के कारण अल सुवह उठने की आवश्यकता नहीं है जब चाहे शौच के लिए अपने शोचालय का इस्तेमाल कर सकती हैं।

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