भुईमाड़(ईन्यूज एमपी)- आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म भी हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होता है. इसलिए इस दिन वायु की परीक्षा करके आने वाली फसलों का अनुमान भी किया जाता है. इस दिन शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करता है, और यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करता है, शिष्य इस दिन अपनी सारे अवगुणों को गुरु को अर्पित कर देता है और अपना सारा भार गुरु को दे देता है, जो इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व शनिवार, 24 जुलाई को पडा़, जिसमें भगवती मानव कल्याण संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा भुईमाड़ सहित सीधी जिले भर में अखण्ड श्री दुर्गा चलीसा पाठ आयोजित किया गया, जिसमें कहीं 5 घंटे का तो कहीं 24 घंटे का चलीसा पाठ कर गुरूपूर्णिमा मनाया गया, यह आयोजन परमहंस योजीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के शिष्यों द्वारा अपने अपने क्षेत्रों में जनकल्याण की भावना को लेकर किया गया, जिसमें शिष्यों ने गुरूपूर्णिमा पर अलग अलग तरीकों से समय निकालकर एवं संगीतमय तरीकों से कार्यक्रम आयोजित किये।,भुईमाड़ में सहित जिले भर मे कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहाँ पर मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। *बिहारी लाल गुप्ता की रिपोर्ट*