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कोरोना संकट में गरीबों की आजीविका का सहारा बनी मनरेगा

सीधी(ईन्यूज एमपी)- कोरोना महामारी ने पूरे देश के सामने एक बड़ी
चुनौती खड़ी कर दी। कोविड संक्रमण को रोकने सरकार को कई
प्रकार के कठोर कदम उठाने पड़ें। कई बड़े शहरों में स्थिति
बिगड़ने के कारण वहां रोजगार के अवसर बंद हो गए। ऐसे समय में
दिहाड़ी मजदूरों के समक्ष आजीविका का संकट पैदा हो गया। लोग
अपने गृह ग्राम पहुंचने के लिए आतुर थे। मध्यप्रदेश शासन द्वारा पहल कर
मजदूरों को शासकीय व्यय पर उनके घरों तक पहंुचने की व्यवस्था की
गयी। अब बड़ी चुनौती थी लोगों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार
के अवसर उपलब्ध कराने की। इस चुनौती से निपटने में सहायता महात्मा
गांधी नरेगा योजना ने की।
सीधी जिले के मझौली विकासखण्ड की ग्राम पंचायत
चंदोही डोल ने इस आपदा को एक अवसर के रूप में देखा। ग्राम पंचायत
के उपसरपंच रोहिणी रमण मिश्रा बताते हैं कि इस कठिन समय में ग्राम पंचायत
ने श्रम आधारित कार्यों को प्रारंभ करने का निर्णय किया जिससे गांव के
गरीब श्रमिकों को गांव में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके।
उन्होने बताया कि इसके साथ ही ग्राम में अधोसंरचना के कार्यों

को प्राथमिकता दी गई। तालाबों का निर्माण किया गया जिससे कृषि में
मदद मिलेगी साथ ही भविष्य में मछली पालन को भी बढ़ावा मिलेगा।
उन्होने बताया कि गांव के दुर्गम इलाकों को सुदूर सड़कों एवं
पुल पुलिया के माध्यम से मुख्य मार्गों से जोड़ा गया है। इस कार्य से
वहां के रहवासी बहुत ही खुश हैं।
ग्राम चंदोही डोल में 20 जनवरी से 23 मार्च 2021
तक अमरहिया तालाब में बंड विस्तार पिचिंग का कार्य किया गया जिसमें 3 हजार
63 रोजगार दिवसों का सृजन हुआ। इसी प्रकार 3 जून से 13 जुलाई 2021
के बीच हरीलाल जायसवाल के घर के पास तालाब में बंड विस्तार व वेस्ट बियर
का निर्माण किया गया, इस कार्य में 3 हजार 10 मानव दिवसों का सृजन
हुआ। परौहान टोला अमहिरा डोल से प्राथमिक शाला व आंगनवाड़ी
पहुंच मार्ग निर्माण में एक अप्रैल से 28 अप्रैल 2021 के मध्य एक हजार 63
मानव दिवसों का सृजन हुआ है।
परौहान टोला में एप्रोच रोड निर्माण से वहां
निवास कर रहे 25 परिवारों ने राहत की सांस ली है। उन्होने बताया कि
बारिस के दिनों में आवागमन में बहुत सी समस्याओं का सामना करना
पड़ता था। यदि किसी की तबियत खराब हो या गर्भवती महिलाओं को
प्रसव के लिए ले जाने में समस्याएं होती थी। अब पूरे वर्ष भर वाहन
घर तक आ सकेंगें। बच्चे भी विद्यालय तक आसानी से पहंुच सकेंगें।
चंदोही डोल ग्राम पंचायत ने चुनौती को स्वीकार
कर ग्राम के विकास की राह को चुना। इससे न केवल लोगों को ग्राम
में ही रोजगार के अवसर मिले बल्कि अधोसंरचनाओं का विकास संभव हो
सका।

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