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खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने की कार्यवाही, लीना इंडेन को नोटिस जारी

सीधी : कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने इण्डेन गैस एजेन्सी की प्रोपाईटर श्रीमती लीना जैन, प्रबंधक देवेन्द्र जैन एवं कर्मचारी विष्णु पी मल्लाह द्वारा अनियमितता बरतने पर अनुज्ञप्ति निरस्त करने, अभियोजन की कार्यवाही करने एवं युक्ति युक्ति संगत वैधानिक कार्यवाही करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
कलेक्टर गढ़पाले ने बताया कि जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी महेन्द्र त्रिपाठी द्वारा सहायक आपूर्ति अधिकारी अजीत सिंह के साथ विगत 19 जून को लीना इण्डेन गैस एजेन्सी की जाॅच मंे पाया गया कि लीना इण्डेन गैस एजेन्सी आई.ओ.सी.एल की कम्पनी एजेन्सी है। जाॅच के समय एजेन्सी के कर्मचारी विष्णु पी मल्लाह उपस्थित थें। एजेन्सी में स्टाक सूची एवं कीमत का प्रदर्शन नही किया गया है। एजेन्सी में हाकर्स का विवरण उपलब्ध नही है। एजेन्सी में गैस कनेक्शन प्रदाय हेतु रजिस्टर संधारित नही है। 14.2 ज्ञळ सिलेण्डर के स्टाक के विवरण में रजिस्टर में दर्ज एवं भौतिक सत्यापन में भिन्नता पाई गयी तीन घरेलू गैस सिलेण्डर कम पाये गये। एजेन्सी मे रखे गैस सिलेण्डरों मे से 6 सिलेण्डरों की तौल कराई गयी जिसमे 1 सिलेण्डर में मानक से 200 ग्राम अधिक वजन पाया गया जबकि$ या - केवल 150 ग्राम मान्य है। सिलेण्डर होम डिलेबरी किये जाने के सम्बन्ध मंे कोई रजिस्टर व दस्तावेज एजेन्सी मे नही मिलें। होम डिलेबरी हेतु 18 रूपये सिलेण्डर निर्धारित है। माह के दौरान कितने उपभोक्ताओं को 18 रूपये वापस किये गये इसका अभिलेख एजेन्सी मे नही पाया गया। एजेन्सी से संलग्न 6000 उपभोक्ताओं मे से केवल 500 उपभोक्ताओं के समग्र मंे प्रविष्टि की गई है। रेग्युलेटर 230 रिकार्ड के मुताबिक शोरूम मे उपलब्ध है। स्टोव आई.एस.आई. मानक के पाये गयें।
उन्होने बताया कि एजेन्सी के कर्मचारी विष्णु पी मल्लाह का कथन दर्ज किया गया जिन्होने जाॅच कार्यवाही होना स्वीकार किया।
इस प्रकार लीना गैस एजेन्सी के प्रोपाईटर श्रीमती लीना जैन, प्रबंधक श्री देवेन्द्र जैन एवं कर्मचारी श्री विष्णु पी मल्लाह के द्वारा अनियमितताएं करना पाया गया जो द्रवित पेट्रोलियम गैस (प्रदाय और वितरण विनिमय) आदेश 2000 की कण्डिका 8,10 कण्डिका 16 से संलग्न अनुसूची 1 अनुसूची 2 का उलंद्यन है। जो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत दण्डनीय है।
अतः उपरोक्त अनियमितताओं के लिए अनुज्ञप्ति निरस्त करने हेतु वरिष्ठ कार्यालय को लिखा जाय, अभियोजन की कार्यवाही की जाय, आपके विरूद्ध अन्य युक्ति युक्ति संगत कार्यवाही की जाय।

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