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भारत चीन विवाद में रीवा का लाल हुआ शहीद,चीनी सेना के 40 जवानों की मौत की खबर...

लद्दाख/रीवा (ईन्यूज एमपी)- भारत और चीन के सैनिकों के बीच गालवन घाटी में हुई झड़प के दौरान रीवा का लाल भी शहीद हो गया है, प्राप्त जानकारी के अनुसार रायपुर कर्चुलियान थाना क्षेत्र के फरेंदा का रहने वाला जवान दीपक सिंह गहरवार चीन और भारत के बीच हुए विवाद में शहीद हो गये है,16 बिहार रेजीमेंट में दीपक तैनात था और बीते नवंबर माह में ही शादी हुई थी, परिजनों को जब इस बात की सूचना मिली तो समूचे विंध्य क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है ।

चीनी यूनिट के कमांडिंग अफसर समेत 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए....

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भारत और चीन के सैनिकों के बीच गालवन घाटी में हुई झड़प का मामला बढ़ गया है। एक न्यूज एजेंसी ने बुधवार को सूत्रों के हवाले से कहा कि चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं, जिनमें यूनिट का कमांडिंग अफसर भी शामिल है। यह अफसर उसी चीनी यूनिट का था, जिसने भारतीय जवानों के साथ हिंसक झड़प की। भारत के 4 जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है। 15-16 जून की दरमियानी रात को गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के कमांडिंग अफसर समेत 20 जवान शहीद हो गए थे। 135 जख्मी हैं।

तीन घंटे चली यह झड़प दुनिया की दो एटमी ताकतों के बीच लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गालवन वैली में हुई। यह हमला पत्थरों, लाठियों और धारदार चीजों से किया गया। उसी गालवन वैली में, जहां 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी। भारत ने चीन की तरफ हुई बातचीत इंटरसेप्ट की है। इसके मुताबिक, चीन के 43 सैनिक हताहत होने की खबर है, लेकिन चीन ने यह कबूला नहीं है।


चीन से जारी तनाव के बीच हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिले में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इन जिलों की सीमाएं चीन से लगती हैं। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इस कवायद का मकसद स्थानीय लोगों को खतरे से बचाना और खुफिया जानकारी जुटाना है। पुलिस ने कहा कि लोगों की हिफाजत के लिए तमाम जरूरी कदम उठाए गए हैं।
कुछ देर में रक्षा मंत्रालय में एक अहम बैठक होना है। उसके बाद सेना बयान जारी कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच सीमा पर जो बातचीत चल रही थी, वह बेनतीजा रही।

सीमा पर तनाव, राजनीति भी शुरू

राहुल ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री कहां हैं? वे छिपे हुए क्यों हैं? अब बहुत हुआ। हम जानना चाहते हैं कि आखिर क्या हुआ। हमारे सैनिकों को मारने की चीन की हिम्मत कैसे हुई। वह हमारी जमीन पर कब्जा करने की हिम्मत कैसे कर सकता है?’’ वहीं दिग्विजय ने ट्वीट किया कि मोदी की विदेश यात्राएं कितनी सफल रहीं, इसका प्रमाण दें। प्रधानमंत्री जुमलेबाजी छोड़कर हर क्षेत्र में असफल रहे।

45 साल पहले चीन ने ऐसे ही धोखा दिया था

20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में चीन ने असम राइफल की पैट्रोलिंग पार्टी पर धोखे से एम्बुश लगाकर हमला किया था। इसमें भारत के 4 जवान शहीद हुए थे। इसके 45 साल बाद चीन बॉर्डर पर हमारे सैनिकों की शहादत हुई है।

चीन रुक-रुककर सैनिकों के शव भेज रहा, कुछ सैनिक नदी में गिर गए थे
सेना के सूत्रों ने बताया कि 15 से 20 सैनिक लापता हैं। इनमें से कुछ चीन के कब्जे में हैं। चीन रुक-रुककर भारतीय सैनिकों के शव भेज रहा था। कुछ सैनिक नदी में गिर गए हैं, जिनके शव मिल रहे हैं। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन के हेलिकॉप्टरों का मूवमेंट बढ़ गया है। वह अपनी सेना के हताहतों को एयरलिफ्ट कर रहा है।

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