कटनी(ईन्यूज एमपी)- लॉक डाउन में ढील के बाद शासन के निर्देशों पर मनरेगा के कार्य व्यापक स्तर पर शुरू हुए। इसी के साथ मस्टररोल में फर्जीवाड़ा भी शुरू हो गया। मस्टररोल में अधिक और मौके पर कम मजदूरों की शिकायतें बढ़ती शिकायतों पर जिला पंचायत सीईओ जगदीश चंद्र गोमे ने जब ग्राम पंचायतों में विजिट की तो हीरापुर कौंडिय़ा में 8. 83 लाख रुपये से चल रहे नाला बंधान में सचिव व उपयंत्री की कारस्तानी की पोल खुल गई है। यहां मस्टररोल में दर्ज 86 मजदूरों के स्थान पर 56 मजदूर ही कार्य करते मिले। इतना ही नहीं मस्टर रोल में विदिशा, गंजबासौदा के प्रवासी श्रमिक भी दर्ज थे। घर बैठकर मूल्यांकन करने सहित अन्य अनियमितताएं पाए जाने पर सेक्टर की उपयंत्री प्रेरणा सिंह को निलंबित करने के निर्देश दिए। वहीं कार्यों की संतोषप्रद जानकारी नहीं देने पर उपयंत्री हीरालाल मिश्रा को शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। 14 वां वित्त की राशि का नहीं किया उपयोग- जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रवासी एवं स्थानीय श्रमिकों को रोजगार दिए जाने की वस्तुस्थिति का निरीक्षण करने जनपद पंचायत कटनी की ग्राम पंचायत हीरापुर कौडिय़ा और बडख़ेरा पहुंचे। ग्राम पंचायत हीरापुर कौडिय़ा में 14 वें वित्त से प्राप्त14 लाख रुपये एवं स्व कराधान की प्राप्त राशि का उपयोग ग्राम पंचायत द्वारा नहीं किए जाने की जानकारी मिलने पर एक्शन प्लान के अनुसार कार्य प्रारंभ कराने के निर्देश दिए। बिना सत्यापन कर दिया मूल्यांकन- सीईओ ने ग्राम पंचायत बरखेड़ा के कार्यालय का निरीक्षण किया, इस दौरान सचिव व उपयंत्री अनुपस्थित पाए गए। 4.58 लाख लागत के कथाई तालाब विस्तारीकरण कार्य के अभिलेखों के मस्टररोल का परीक्षण करने पर पाया गया कि श्रमिकों की उपस्थिति समान रूप से प्रविष्ट नहीं की गई है तथा उपयंत्री द्वारा कार्यस्थल का भौतिक सत्यापन किए बिना तालाब विस्तारीकरण कार्य का मूल्यांकन किया गया है। इस प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर सेक्टर की उपयंत्री प्रेरणा सिंह को निलंबित करने के निर्देश दिए। ग्राम सभा में करें मस्टररोल का वाचन- सीईओ श्री गोमे ने यह भी निर्देशित किया कि जिले की समस्त ग्राम पंचायतों की ग्राम सभा में सचिव एवं नोडल अधिकारियों द्वारा मनरेगा के मस्टररोल का वाचन किया जाए। प्रधानमंत्री आवास की सूची को ग्राम पंचायत कार्यालय की दीवारों पर लेखबद्ध किया जाए। ग्राम पंचायत छहरी द्वारा निर्माणाधीन मनरेगा कार्य मशीन से कराए जाने के संबंध में जानकारी प्राप्त होने पर निरीक्षण करने पर पाया गया कि उक्त तालाब मनरेगा से स्वीकृत नहीं था। निरीक्षण के दौरान परियोजना अधिकारी ज्ञानेन्द्र सिहं, सहायक यंत्री, एपीओ, सचिव, रोजगार सहायक एवं ग्रामीणजनों की मौजूदगी रही।