सीधी(ईन्यूज एमपी)- प्रवासी मजदूरों के साथ काम करने से इंकार व व्यापक विरोध के चलते प्रशासन ने रोजगार मूलक कार्यों को निर्वाध जारी रखने एक तरकीब निकाली है कि सांप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे। प्रवासी श्रमिकों के कारण जिले में करोना संक्रमण के फैलाव को रोकने अब उन्हें 28 दिन बाद रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा। कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने जनपद पंचायत सीधी अंतर्गत ग्राम पंचायत बरमानी, भगोहर एवं सेंदुरा में प्रगतिरत कार्यों का निरीक्षण अवलोकन किया। उन्होने सभी ग्राम पंचायतों में श्रम आधारित कार्यों को प्रारंभ कर अधिक से अधिक श्रमिकों को नियोजित करने के निर्देश दिये। कलेक्टर श्री चौधरी ने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण समय है। इस समय पूरा विश्व कोरोना वायरस महामारी की चपेट में हैं, जिसके कारण कई आर्थिक गतिविधियाँ बंद हो गयी हैं। जो लोग जिले के बाहर जीविकोपार्जन करते थे, वो भी ग्रामों में लौट आये हैं। उन्होंने निर्देशित किया है कि सभी श्रमिकों के जाब कार्ड बनाकर उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें। ऐसे समय में लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना शासन की प्राथमिकता है। कलेक्टर ने ग्रामवासियों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए पूरी सतर्कता एवं सावधानी रखने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि गाँव के जो श्रमिक बाहर से आ रहे हैं, वो 14 दिनों तक अपने घरों में रहें, किसी से भी मिले नहीं और शारीरिक दूरी बनाकर रखें। यदि किसी व्यक्ति को बुखार, सर्दी, खांसी, साँस लेने में तकलीफ हो तो इसकी जानकारी तत्काल जिला स्तरीय कंट्रोल को दें। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तियों को कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए जाने पर 28 दिनों के बाद ही नरेगा के कार्यों में नियोजित किया जा सकता है। कलेक्टर श्री चौधरी ने कोरोना वायरस के संक्रमण से रोकथाम एवं बचाव के लिए कार्य स्थलों पर भी सभी सावधानियाँ रखने के निर्देश दिए हैं। प्रत्येक श्रमिक को मास्क उपलब्ध करायें तथा उनके हाथ धोने के लिए पानी और साबुन की उपलब्धता की जाए। इसके साथ ही शारीरिक दूरी के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जायें।