इंदौर (ईन्यूज एमपी)-कलेक्टर मनीष सिंह ने एक कड़ी कार्रवाई करते हुए 10 सरकारी डॉक्टरों के खिलाफ सेवा बर्खास्त की कार्रवाई शुरू कर दी है। ये सभी सरकारी डॉक्टर नोटिसों के बावजूद काम पर नहीं आ रहे थे। इन्हें कारण बताओ नोटिस थमाने, विभागीय जांच शुरू करने के बाद नौकरी से बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू होगी। पहले निजी अस्पतालों को एक एक कर कलेक्टर ने शुरू करवाया, वहीं स्वास्थ्य विभाग में भी सख्ती शुरू की और अधिकारियों-कर्मचारियों के अलावा अब सरकारी डॉक्टरों पर भी गाज गिरने लगी है, दरअसल अभी भी कई सरकारी डॉक्टर काम पर नहीं आ रहे हैं। इन डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई जिन डॉक्टरों पर प्रशासन कार्रवाई करने जा रहा है, उनमें डॉ. मधु भागर्व सिविल डिस्पेंसरी जूनी इंदौर, डॉ. रीना जायसवाल जिला चिकित्सालय, डॉ. नीलम वरजवाल जिला चिकित्सालय, डॉ.वीएस होरा स्थानीय कार्यालय, डॉ. डॉ. प्रीति शाह भंडारी अरण्य नगर, डॉ.मधु व्यास एमओजी लाइन, डॉ. भारती द्विवेदी जिला चिकित्सालय, डॉ. सतीश नेमा जिला चिकित्सालय और डॉ. प्रियंका सखरिया पीएचसी होल्कर कालेज हैं एक को कारण बताओ नोटिस ये सभी 9 सरकारी डॉक्टर सेवा पर नहीं आ रहे हैं। वहीं एक अन्य महिला चिकित्सक डॉ. रुचि शेखावत को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, कलेक्टर मनीष सिंह का स्पष्ट कहना है कि इन सभी सरकारी डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त किया जाएगा, अभी कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ ही इनकी विभागीय जांच भी शुरू करवा दी गई है।