इंदौर(ईन्यूज एमपी)- इंदौर में गुरुवार को 244 नए मरीज मिले हैं, वहीं सराफा का दो व्यापारियों की मौत भी हुई है। भोपाल में नए मरीजों की संख्या को लेकर गफलत की स्थिति रही। जिला प्रशासन की रिपोर्ट में सात पॉजिटिव केस और एक मौत की पुष्टि की गई है, वहीं स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार राजधानी में 29 नए मरीज मिले हैं। हमीदिया अस्पताल में 11 अप्रैल को मृत जहांगीराबाद निवासी यूनुस खान की गुरुवार को पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। प्रदेश में कोरोना के 64 मरीज ठीक होकर जा चुके हैं घर कोरोना संक्रमण के चलते पिछले एक हफ्ते में ही प्रदेश के 9 और जिले रेड जोन में आ गए हैं। 7 अप्रैल तक सिर्फ तीन जिले इंदौर, भोपाल और मुरैना रेड जोन में थे, लेकिन बुधवार तक इनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है। रेड जोन में उन जिलों को शामिल किया गया है, जिनमें कोरोना के 10 से अधिक पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इस अवधि में कुल 17,650 सैम्पल लिए गए हैं, जिनमें 13,492 सैम्पल की रिपोर्ट अब तक आई है। इनमें से 1341 पॉजिटिव पाए गए हैं। फिलहाल आंकड़ा बढ़ रहा है, जिसके कारण मप्र कोरोना संक्रमण के मामले में देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल हो गया है, जबकि एक सप्ताह पहले यह 9वें नंबर पर था। उस समय प्रदेश में सिर्फ 229 कोरोना के मरीज थे, 15 लोगों की संक्रमण से मौत हुई थी। गुरुवार तक मरीजों की संख्या बढ़कर 1341 हो गई है। 55 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हालांकि 64 लोग संक्रमण को परास्त कर सकुशल घर लौटे भी हैं। राहत की बात यह भी है कि प्रदेश के आधे जिले फिलहाल ग्रीन जोन में है, यानी वहां पिछले सात दिनों में कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है। रेड एरिया जहां 10 से ज्यादा केस 7 अप्रैल को भोपाल-इंदौर और मुरैना ही रेड एरिया में थे। अब 15 अप्रैल को यह संख्या बढ़ गई। भोपाल, इंदौर, मुरैना के साथ उज्जैन, खरगौन, जबलपुर, बड़वानी, विदिशा, होशंगाबाद, खंडवा, देवास और रतलाम शामिल हो गए हैं ऑरेंज एरिया जहां 10 से कम केस ग्वालियर, शिवपुरी, छिंदवाड़ा, बैतूल, श्योपुर, रायसेन, धार, सागर, शाजापुर, मंदसौर, सतना, टीकमगढ़, आगर मालवा और अलीराजपुर। ग्रीन एरिया सात दिन से कोई केस नहीं अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, सीधी, सिंगरौली, रीवा, बालाघाट, डिंडोरी, मंडला, सिवनी, नरसिंहपुर, कटनी, निवाड़ी, छतरपुर, पन्ना, दमोह, हरदा, राजगढ़, सीहोर, बुरहानपुर, झाबुआ, नीमच, दतिया, अशोक नगर, गुना व भिंड यह पूरी तरह प्रतिबंध हवाई, रेल, रोड से आवागमन, शैक्षणिक संस्थाएं, औद्योगिक, व्यापारिक, होटल (जिन्हें अनुमति दी गई हो, उनके अलावा), सिनेमा हॉल, मॉल, शॉपिंग काम्पलेक्स, धार्मिक स्थल, धार्मिक सभाएं, टैक्सी, ऑटो, रिक्शा सेवाएं बंद रहेगी। अंतिम यात्रा में 20 से अधिक के जाने पर प्रतिबंध रहेगा। बैंकों में होगा काम, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसियां, किराना दुकानेंं खुलेंगी बैंकों की गतिविधियाँ, वृद्धाश्रम, सामाजिक पेंशन योजनाओं की राशि का वितरण, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसियां संचालन, पेट्रोल-गैस परिवहन, बिजली उत्पादन, डाक वितरण सेवाएं, पोस्ट ऑफिस, जल आपूर्ति व्यवस्था, सफाई व्यवस्था, अपशिष्ट प्रबंधन, टेलीकम्युनिकेशन एवं इंटरनेट सेवाएं। माल वाहक वाहनों का संचालन, मरम्मत की दुकानें, ढाबे, किराना दुकानें एवं उचित मूल्य दुकानें , प्रिंट व इलैक्ट्रोनिक मीडिया, आईटी सेवाएं (50 प्रतिशत), कूरियर सेवाएं, इलेक्ट्रिशियन मोटर मेकेनिक, प्लंबर, आईटी मरम्मत, कारपेंटर। कृषि एवं संबंधित गतिविधियां, ग्रामीण अर्थव्यवस्था संबंधी कार्य, मजदूरों की दैनिक आमदनी की गतिविधियां, आवश्यक सेवाओं की चयनित औद्योगिक गतिविधियां, डिजिटल अर्थव्यवस्था, ई-कॉमर्स आदि। स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं, दवा निर्माण इकाइयां, चिकित्सा उपकरण संबंधी इकाइयां। एसईजेड, निर्यात उन्मुख उद्योग, आवश्यक वस्तुएं, दवाओं के उद्योग, निरंतर चलने वाले उद्योग, आई.टी. हार्डवेयर, कोयला उत्पाद, मिनरल प्रोडक्टस, पैकेजिंग मटेरियल, जूट इंडस्ट्री, ऑइल, गैस इंडस्ट्री। मध्यप्रदेश सरकार ने 20 अप्रैल से मंडीदीप, गोविंदपुरा, पीथमपुर, मालनपुर सहित प्रदेश की 360 बड़ी इंडस्ट्रीज में से 250 को शुरू करने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा मिली रियायत के बाद शुरू किए जा रहे इन उद्योगों में एक लाख कर्मचारी काम पर लौट लाएंगे। हालांकि अनुमति सशर्त ही होगी। प्रदेश में 22 हजार 200 औद्योगिक इकाइयां हैं। प्रमुख सचिव उद्योग राजेश राजौरा के अनुसार, प्रदेश में 115 इकाइयां पहले से ही चल रही हैं। 4 मई को लॉकडाउन-2 खत्म होने के बाद सभी इकाइयाें को कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार क्रम वार शुरू किए जाएंगे। उघोग विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 25 मार्च को लॉकडाउन के बाद भी 115 इंडस्ट्री का काम बंद नहीं हुआ था। इसमें 40 फार्मा, 28 फूड प्रोसेसिंग, 21 पैकेजिंग, कंज्यूमर गुड्स की 12 और 14 अन्य कंपनियों में काम हो रहा है। हालांकि इनमें अभी पूरी क्षमता से काम नहीं हो रहा है। फेडरेशन ऑफ चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री, मध्यप्रदेश के प्रेसिडेंट आरएस गोस्वामी ने कहा कि सरकार के इस फैसले से लॉकडाउन में दम तोड़ रही इंडस्ट्री को संजीवनी मिल जाएगी। सबसे बड़ी राहत स्माॅल इंडस्ट्री को होगी। यहां 10 से कम कर्मचारी होते हैं। वे सतर्कता बरतते हुए उत्पादन शुरू कर सकेंगे। इससे रोजगार भी बरकरार रहेगा और इंडस्ट्री भी बनी रहेगी। इन शर्तों का पालन करना होगा कंटेनमेंट जोन के कर्मचारियों को काम पर जाने की अनुमति नहीं होगी। कंपनियों से कहा जाएगा कि जहां संभव हैं, वे कर्मचारियों को फैक्ट्री कैंपस में ही ठहरने की व्यवस्था करे। बुदनी में वर्धमान और ट्राइडेंट में कैंपस में ही आवास की व्यवस्था है, उनका उत्पादन बिल्कुल बाधित नहीं होगा। जहां ऐसा संभव नहीं होगा तो कर्मचारियों के आवागमन की व्यवस्था की कंपनियों को करनी होगी। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर और मास्क जरूरी होगा। कंपनियों में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी होगी। 18 की शाम उद्योगपतियों से चर्चा करेंगे सीएम लॉकडाउन के चलते मुश्किल हालातों का सामान कर रही कंपनियों को उबारने के लिए 18 अप्रैल की शाम को मुख्यमंत्री उघोगपतियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करेंगे। इसमें मुख्यमंत्री उघोगपतियों से उनकी दिक्कतें पूछकर उसके समाधान के विकल्प पूछेंगे। उघोग विभाग के प्रमुख सचिव राजेश राजौरा ने बताया कि इंडस्ट्रीज के बूस्टअप के लिए यह मीटिंग रखी गई है।