भोपाल (ईन्यूज एमपी)-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के सभी जिलों के संक्रमित क्षेत्रों में बिल्कुल ढिलाई न बरती जाए। उन्होंने कहा कि संक्रमित क्षेत्र से एक भी व्यक्ति अंदर-बाहर नहीं जाना चाहिए। श्री चौहान ने कहा कि संक्रमित क्षेत्रों में जनता के लिए सभी आवश्यक वस्तुओं की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में समाज के सभी वर्गों का सहयोग लिया जाए। जनता और प्रशासन मिलकर कोरोना को परास्त करेंगे। मुख्यमंत्री आज मंत्रालय में कोरना की प्रदेशव्यापी स्थिति एवं व्यवस्थाओं की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान एवं सचिव जनसंपर्क श्री पी. नरहरि बैठक में उपस्थित थे। पूरी तरह टूटना चाहिए संपर्क का सिलसिला मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि संक्रमित क्षेत्रों में आना-जाना पूरी तरह रोकने के लिए पुलिस द्वारा सख्ती किए जाने के साथ ही बैरिकेटिंग हो तथा निगरानी के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरा एवं अन्य तकनीक का भी उपयोग किया जाए। संक्रमण रोकने के लिए संपर्क का सिलसिला पूरी तरह से टूटना चाहिए। जिला संकट समूह की हो नियमित बैठक मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिले में जिला संकट समूह की नियमित बैठक आयोजित करें। बैठकों में प्रशासन के साथ जन-प्रतिनिधि, स्वयंसेवी संगठन, धर्मगुरुओं को आमंत्रित करें तथा उनका पूर्ण सहयोग लें। राशन वितरण व्यवस्था मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रत्येक जिले में 3 माह का उचित मूल्य राशन निशुल्क वितरण के लिए भिजवाया गया है। सभी कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि यह राशन उपभोक्ताओं को सुगमता से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्राप्त हो जाए। अधिकारी भी अपनी तबीयत का ध्यान रखें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उपस्थित सभी अधिकारियों से कहा कि वे लोग भी अपनी तबीयत का पूरा-पूरा ध्यान रखें। साथ ही, समस्त डॉक्टर, पुलिस कर्मी तथा व्यवस्था में लगे हुए अमले के स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा जाए। सभी को बारी-बारी से विश्राम दिए जाने की व्यवस्था भी की जाए। कोरोना में उपार्जन चुनौतीपूर्ण कार्य मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट में उपार्जन चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने निर्देश दिए कि जिलों में पूरी सावधानी के साथ खरीदी का कार्य किया जाए। खरीदी कार्य में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया जाए तथा प्रतिदिन कम संख्या में किसानों को उपार्जन केंद्रों पर बुलाया जाए। एसएमएस मिलने पर ही किसान खरीदी केन्द्रों पर अपनी फसल बेचने आएं। तकनीकी का करें प्रयोग मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि इस संकट में लोगों से सदभावनापूर्वक प्रभावी ढंग से निपटने के लिए तकनीकी का प्रयोग किया जाए। आरोग्य सेतु मोबाइल एप के प्रयोग के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए। निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों आदि का उपयोग किया जाए। क्वारेंटाइन किए गए लोगों की निगरानी के लिए भी नवीन तकनीक का उपयोग करें। मीडिया का लिया जाए सक्रिय सहयोग मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में मीडिया का सक्रिय सहयोग लिया जाए। मीडिया के साथ इस संकट से निपटने के लिए शासन-प्रशासन कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करे। श्री चौहान ने मीडिया से आग्रह किया कि अपने महत्वपूर्ण विचारों एवं सुझावों के माध्यम से राह दिखाएं तथा निरंतर जनता का मनोबल बढ़ाएं। सभी बीमारियों का सुनिश्चित हो इलाज मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोरोना के इलाज की तरह अन्य बीमारियों के इलाज की भी सभी अस्पतालों में समुचित व्यवस्था हो। अन्य बीमारियों का इलाज भी उतनी ही गंभीरता से हो, जितना कोरोना का हो रहा है। इसमें लापरवाही बरतने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। निजी अस्पताल भी इलाज की सुविधाएं दें अन्यथा उनके विरुद्ध एस्मा के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। मरीजों को अस्पताल लाने-ले-जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। अब हो जाएंगे 11 टेस्टिंग लैब समीक्षा में बताया गया कोरोना के लिए प्रदेश में एक-दो दिन में 11 टेस्टिंग लैब कार्य करना प्रारंभ कर देंगे। अब हमारे पास 1600 सेम्पल के टेस्ट के परिणाम रोज आ रहे हैं। हमारी जांच लैब के अलावा दिल्ली में भी टेस्ट करवाए जा रहे हैं। सभी शासकीय एवं निजी मेडिकल कॉलेजों में टेस्ट प्रारंभ करने की व्यवस्था की जा रही है। मई तक हो जाएगी 6000 से अधिक टेस्टिंग क्षमता बैठक में बताया गया कि हमारी कोरोना टेस्टिंग क्षमता लगातार बढ़ रही है। गत 10 अप्रैल को यह क्षमता 1000 टेस्ट प्रतिदिन थी, जो 14 अप्रैल को 1170 हो गई। आगामी 20 अप्रैल तक हमारी टेस्टिंग क्षमता 2060 हो जाएगी और 30 अप्रैल तक यह क्षमता 3470 । मई माह में प्रदेश यह संख्या 6050 टेस्ट प्रतिदिन पहुंच जाएगी। अधिकारी पूरा टैलेंट झोंक दें मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें कोरोना संकट को जल्दी से जल्दी प्रदेश से समाप्त करना है। इसके लिए अधिकारी अपना पूरा टैलेंट झोंक दें। जो भी नए विचार हैं, उन्हें संप्रेषित करें। हमें अच्छी से अच्छी व्यवस्था मध्यप्रदेश में सुनिश्चित करनी है। बाहर फंसे मजदूरों के खाते में डालेंगे एक-एक हजार मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश के जो मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हैं, उनके खाते में मध्यप्रदेश सरकार एक-एक हज़ार रुपये डालेगी, जिससे वे अपनी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें। दूसरे प्रदेशों में फंसे हमारे मजदूरों की संख्या लगभग एक लाख 14 हजार है तथा वे 18 प्रदेशों में फंसे हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि इनके नाम, मोबाइल नंबर एवं बैंक खाते का विवरण प्राप्त करें, जिससे राशि उनके खाते में भिजवाई जा सके। इसके लिए 7 वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएंगी आयुर्वेदिक दवाइयां मुख्यमंत्री ने कहा कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद की दवाइयों का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए। पूरे प्रदेश में आयुर्वेद के साथ ही होम्योपैथी एवं यूनानी दवाइयों के निशुल्क वितरण की व्यवस्था आयुष विभाग के माध्यम से की गई है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में कई ऐसे काढ़े और दवाइयां हैं, जो मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बहुत सहायक होते हैं। जन अभियान परिषद का सक्रिय योगदान समीक्षा में बताया गया कि कोरोना संबंधी कार्य में जन अभियान परिषद के 55 से 60 हज़ार व्यक्ति सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। वे लॉक डाउन, निशुल्क भोजन वितरण, निशुल्क मास्क वितरण, दीवार लेखन आदि कार्य कर रहे हैं। इस कार्य में वे 546 स्वयंसेवी संगठनों का भी योगदान ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उनके कार्य की सराहना करते हुए निर्देश दिए कि समर्थन मूल्य खरीदी के कार्य में भी इनका सहयोग लिया जाए।