सीधी(ईन्यूज एमपी)-कृषि विज्ञान केन्द्र, सीधी के सस्य वैज्ञानिक डा. धनंजय सिंह द्वारा बताया गया कि अनाज का सुरक्षित भंडारण न होने से कुल उत्पादन का 10-15 प्रतिषत भाग नष्ट हो जाता है जिससे किसान भाईयों को क्षति होती है। इस क्षति से बचने हेतु अनाज का सुरक्षित भंडारण करना चाहिये। आज-कल अनाज भंडारण के लिये उपयुक्त समय चल रहा है। अतः प्रथम मानसून आने से पहले किसान भाईयों को अपने अनाज का सुरक्षित भंडारण कर लेना चाहिये लेकिन यह ध्यान रखना चाहिये कि जब हवा पूर्व की ओर चल रही हो उस समय अनाज का भंडारण नही करना चाहिये। सुरक्षित भंडारण न होने से भंडारित अनाज को मुख्य रूप से दीमक, घुन, खपरा विटल अनाज की सूंडी, फफूूॅदी एवं चूहा नुकसान पहुॅचाते है। इसमें से मुख्य रूप से चूहा भंडारण से लेकर खड़ी फसल में भी नुकसान पहुॅचाता है। भंडारण के समय मुख्य रूप से नमीयुक्त एवं कचरायुक्त अनाज का भंडारण एवं गंदे पात्रो में अनाज का भंडारण ही भंडारण के समय नुकसान होने का कारण होता है। अतः सुरक्षित भंडारण हेतु अनाज को अच्छी तरह से साफ करके सुखा लेना चाहिये। क्योकि नमी में कीट और फफॅूद की वृद्वि आसानी से होती है। अच्छी तरह से सूखने की पहचान होती है कि दाना को दाॅत से काटने पर कट की आवाज आये सूखे आनाज को शाम के समय कोठी में न रखे सूखे अनाज को पूरी रात खुली हवा में डंडा होने दे और सुबह उसे कोठी में भरे। भंडार गृह की भी अच्छी तरह से सफाई कर लेनी चाहिये। सफाई करने के बाद चार लीटर मैलाथियान 100 लीटर पानी में घोल करके फर्स एवं दीवाल पर छिड़काव कर देना चाहिये तथा फर्स एवं दीवाल की दरारो को सीमेंट या मिटटी से भर देना चाहिये। जहाॅ तक संभव हो अनाज का भंडारण नये बोरो में ही किया जाये यदि पुरानी बोरी में ही करना पडे़ तो बोरी को डेल्टामेथ्रीन 2.5 प्रतिषत डब्ल्यू.बी के 40 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनराकर बोरी को 10-15 मिनट तक भिगो दें तथा बोरो को कड़ी धूप में सुखा लें। अनाज में कीट के प्रकोप से बचने हेतु ई.डी.बी. एम्पल की 3 एम्पल प्रति क्विंटल की दर से अनाज में रखना चाहिये। चूहो के प्रकोप से बचने हेतु बिषाक्त चारा जिंक फास्फाइड का प्रयोग करना चाहिये। सुरक्षित भंडारण हेतु पूसा बिन, पन्तनगर कुठला, हापुण विन, पक्का बिन, इत्यादि पात्रो का प्रयोग किया जा सकता है। सुरक्षित भंडारण हेतु जैविक पदार्थो का भी प्रयोग किया जा सकता है। जैसे- अनाज को वानास्पतिक तेल से लेप लगाकर रखना या अनाज को नीम, सीताफल या कालीमिर्च के फल का पाउडर मिलाकर रखे या दानो को 10-20 प्रतिषत सूखी राख मिलाकर रखने से भी खराव होने से बचाया जा सकता है।