सीधी - जनपद पंचायत सिहावल की ग्राम पंचायत कड़ियार में विशेष ग्रामसभा का आयोजन कर सरपंच श्रीमती मनुआ देवी ने इसे खुले में शौचमुक्त पंचायत घोषित किया। जनपद पंचायत सिहावल की यह पहली पंचायत हो गयी है तथा जिले की चौथी पंचायत है जिसे विशेष ग्रामसभा में खुले में शौचमुक्त घोषित किया गया है। सरपंच श्रीमती मनुआ देवी ने बताया कि विशेष ग्रामसभा में समस्त पंचायत सदस्यों एवं ग्रामीणों ने संकल्प पारित किया कि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच करते हुए पाया जाता है तो उसका नाम सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किया जाएगा। साथ ही खुले में शौच करते हुए पाए गए व्यक्ति से प्रथमवार 100 रूपये, दूसरी बार 200 रूपये और तीसरी बार 500 रूपये का जुर्माना पंचायत द्वारा वसूला जाएगा। यदि व्यक्ति जुर्माने के बाद भी खुले में शौच करते जाता है तो उसका नाम खाद्यान्न पर्ची से नाम काटा जाएगा। साथ ही पंचायत की अन्य योजनाओं के लाभ से वंचित किया जाएगा। यदि गांव के किसी के यहॉ कोई मेहमान आता है तो घर के व्यक्ति उसे खुले में शौच करने के लिए मना करेगा। गांव में शादी विवाह में किसी के यहॉ मेहमान आता है तो वह सार्वजनिक स्थान की जगह सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करेगा। इसकी जिम्मेदारी घर के सदस्यों की होगी। सार्वजनिक शौचालय की चाभी पंचायत भवन में रहेगी। उपरोक्त संकल्प सरपंच श्रीमती मनुआ देवी ने पढ़कर ग्रामीणों को सुनाया। अवसर था कड़ियार ग्राम पंचायत को खुले में शौच से मुक्त करने की घोषणा। कड़ियार ग्राम पंचायत जिले की चौथी ग्राम पंचायत बन गयी है जिसे खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है। इससे पूर्व रामपुर नैकिन की ग्राम पंचायत गुजरेड़ जनपद पंचायत कुसमी की ग्राम पंचायत लुरघुटी और सीधी की ग्राम पंचायत चूल्ही को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है। इस मौके पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष लल्लू साहू, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती रीता पटेल, जनपद सदस्य, एस. डी. एम. शैलेन्द्र सिंह सहित ग्रामीणजन उपस्थित थे। सांसद श्रीमती रीती पाठक ने मुख्य आतिथि के रूप में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान का प्रारंभ कर पूरे देश वासियों को स्वच्छता के प्रति संवेदनशील बना दिया है। महात्मा गांधी ने कहा था कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान प्रारंभ कर उनके सपनों को साकार करने का काम किया है। हमें अपने ग्राम एवं घर को स्वच्छ रखना है तो खुले में शौच करने की आदत को बदलना होगा। घर में बनें शौचालय का ही ग्रामीण उपयोग करें तथा अपने गांव को स्वच्छ रखने के लिए समन्वित रूप से काम करें। नालियों, गलियों एवं पूरे गांव को स्वच्छ रखें। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत कड़ियार में आज खुले में शौचमुक्त घोषित करने से गांव का गौरव बढ़ा है। इससे सिद्ध होता है कि ग्रामीण स्वच्छता के प्रति संवेदनशील और जागरूक हैं। सांसद ने कहा कि खुले में शौचमुक्त घोषित करने के बाद समस्त ग्रामीणों का दायित्व हो गया है कि उन्हें सजग करने के लिए निगरानी समिति के किसी बच्चे को आकर आपको बताने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए बल्कि आप स्वयं जबावदार एवं जागरूक बनें तथा अपने घरों में बनें शौचालय का ही अनिवार्य रूप से उपयोग करें। उन्होंने कहा कि खुले में शौचमुक्त घोषित करने की शुरूआत एक पंचायत से हुई है इसकी अलख जगा, रखनी है तथा धीरे.धीरे समस्त जनपद पंचायत को शौंचमुक्त घोषित किया जाय। पूरी जनपद ही खुले में शौंचमुक्त हो जाय। इस काम के लिए जिला प्रशासन ने काफी संवेदनशीलता के साथ काम किया है। उन्होंने कहा कि हमारे घर की महिलाएं और युवतियॉं अपने सम्मान की रक्षा स्वयं करें और घर में बने शौचालय का ही उपयोग करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को स्वच्छता अभियान के लिए शौचालय बनाने के पश्चात प्रोत्साहन स्वरूप 12 हजार रूपये की राशि दी जाती है। विधायक कमलेश्वर पटेल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत का सपना महात्मा गांधी का सपना था। वे स्वच्छता के प्रति काफी संवेदनशील थे। गांधी जी अपना बाथरूम स्वयं साफ करते थे। ग्रामीणों को यदि स्वस्थ्य रहना है तो उन्हें अपने घर की सफाई, गांवों की सफाई के साथ ही घर में बने शौचालय का ही उपयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि अब धीरे.धीरे समय बदल रहा है। जनसंख्या बढ़ रही है। अतः बाहर जाकर शौंच करने के लिए जगह भी कम होती जा रही है। इससे बीमारियॉं हमारे घरों में आ जाती है। अतः ग्रामीणों को अपने घर में बने शौचालय का ही इस्तेमाल करना होगा। पहले स्कूलों में स्वच्छता को लेकर एक पीरियड नैतिक शिक्षा का होता था अब शायद यह बन्द कर दिया गया है। जब बच्चों को हम स्वच्छता का पाठ पढायेंगे इसके लिए उन्हें जागरूक करेंगे तभी वे बड़े होकर स्वच्छता अपनायेगे। विधायक श्री पटेल ने ग्राम पंचायत कड़ियार में सुलभ काम्पलेक्स के निर्माण के लिए विधायक निधि से एक लाख रूपये देने की घोषणा की। इसके साथ ही कार्यक्रम में प्रतिभागी टीमों को 51.51 सौ रूपये देने की भी घोषणा की। कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने सम्बोधित करते हुए कहा कि जिले की यह चौथी ग्राम पंचायत है जो खुले में शौचमुक्त घोषित की गई है। स्वच्छता के प्रति यहॉं की सरपंच श्रीमती मनुआ देवी काफी संवेदनशील एवं जुझारू रहीं हैं। प्रारंभ में वे मेरे बंगले में रात 9:30 बजे आए और स्वच्छता के प्रति काफी चिन्तित दिखे। सरपंच ने बताया कि कुछ ग्रामीण शौचालय बनाने के लिए सहयोग नहीं कर रहे हैं। इस पर मैने सुझाव दिया और जनपद अध्यक्ष श्रीमान पटेल के पास भेजा। जनपद अध्यक्ष श्रीमान पटेल, प्रेरकदल के सदस्य और निगरानी दल के सदस्य प्रातः 4 बजे से ग्रामों में घूम घूमकर देखा कि कोई ग्रामीण खुले में शौच करने तो बाहर नहीं जा रहा है। कलेक्टर श्री गढ़पाले ने कहा कि यदि हम खुले में शौच करते हैं तो हमारे मल का भाग किसी न किसी रूप में मक्खियों के माध्यम से घर में आकर हमारे खाने और पीने के पानी में मिल जाता है। इससे बच्चों को कई तरह की बीमारियां हो जाती है। अतः यदि हमें स्वयं स्वस्थ्य रहना है और अपने बच्चों को स्वस्थ्य रखना है तो शौचालय का इस्तेमाल ही करना होगा। उन्होंने कहा कि शौंचालय की मरम्मत और साफ.सफाई की जिम्मेदारी ग्रामीणों की ही है। वे इसके प्रति जबावदार एवं संवेदनशील बनें। जनपद अध्यक्ष श्रीमान सिंह ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आज उनके लिए गर्व का दिन है कि उनकी जनपद की पहली पंचायत खुले में शौचमुक्त घोषित की गई है। ग्राम में शतप्रतिशत शौचालय बनाने के लिए ग्रामीणों का सहयोग मिलता रहा है तथा रात.दिन जगकर प्रेरक एवं निगरानीदल के सदस्यों ने ग्रामीणों को समझाया। उन्होंने कहा कि बहुत शीघ्र उनकी जनपद की दस ग्राम पंचायतें और हैं जहॉ शत.प्रतिशत शौचालय बनाने का काम अंतिम चरण में चल रहा है। बहुत शीघ्र ही इन्हें भी खुले में शौचमुक्त घोषित किया जाएगा। इससे पूर्व सांसद श्रीमती रीती पाठक और विधायक कमलेश्वर पटेल ने सरपंच श्रीमती मनुआ देवी कोल, छोटी साहू को शील्ड एवं प्रमाण.पत्र देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही प्रेरक एवं निगरानी दल के सदस्यों को भी सम्मानित किया गया। खुले में शौचमुक्त घोषित करने के अवसर पर सांसद श्रीमती रीती पाठक, वधायक कमलेश्वर पटेल, कलेक्टर विशेष गढ़पाले, जनपद अध्यक्ष श्रीमान सिंह के नेतृत्व में ग्राम में गौरव यात्रा निकाली गई।