सीधी(ईन्यूज एमपी)-विधायक केदार नाथ शुक्ल से खुन्नश के चलते मोदी जी के मंच में सीधी संसदीय क्षेत्र के 6 विधायकों को दोयम दर्जा दिया गया। यह सिर्फ वरिष्ठ विधायक केदार नाथ शुक्ल का अपमान नहीं, बल्कि सीधी-सिंगरौली सहित ब्योहारी विधान सभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं व आम मतदाताओं का अपमान था। प्रधान मंत्री मोदी जी शायद इस तथ्य को भांप गये थें, उन्हें नागवार लगा होगा और इसीलिये उन्होंने सीधी से भाजपा प्रत्याशी श्रीमती रीती पाठक का नाम लेना तक उचित नहीं समझा। वरिष्ठ अधिवक्ता डी. पी. मिश्रा ने कल मड़रिया में सम्पन्न प्रधान मंत्री की सभा में मंच पर की गई बैठक व्यवस्था पर विरोध प्रकट करते हुये लिखा है कि एक बार मान लिया जाये कि सांसद महोदया, सीधी विधायक केदार नाथ शुक्ल को नापंसद करती हैं। उनको सार्वजनिक मंच से मानसिक रूप से अस्वस्थ घोषित कर चुकी हैं। किन्तु तथाकथित संगठन को यह सोचना चाहिये था कि वह जिले के वरिष्ठ विधायक के क्षेत्र में प्रधान मंत्री के हो रहे इस आयोजन में उन्हें स्वागत करने का अवसर देता। मोदी जी की सभा में एयर कंडीशंड मंच व 41 डिग्री तापमान वाले पंडाल के रूप में हुये भेदभाव का जिक्र जनमानस में व्याप्त है | साथ ही यह भी चर्चा है कि 58 हजार से अधिक मतों से जीते चितरंगी के आदिवासी विधायक अमर सिंह, धौहनी विधायक कुंअर सिंह टेकाम, पिछड़े वर्ग का लगातार तीसरी बार प्रतिनिधित्व कर रहे सिंगरौली विधायक राम लल्लू बैस एवं ब्योहारी विधायक शरद कोल को भी मंच की पहली पंक्ति में बैठे नेताओं की ही तरह तरजीह दी जा सकती थी। मंच पर प्रधान मंत्री के अलावा प्रथम पंक्ति में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला, राज्य सभा सांसद अजय प्रताप सिंह, सीधी सांसद रीती पाठक, चुरहट विधायक शरदेन्दु तिवारी, जिला भाजपा अध्यक्ष राजेश मिश्रा को तो पहचान रही थी, किन्तु अन्य लोग कौन थे ? उनका यहां की जनता से क्या सारोकार रहा है ? आम जनता की समझ के परे था, और दूसरी पंक्ति में बैठे सीधी संसदीय क्षेत्र के अन्य निर्वाचित जन प्रतिनिधियों का चेहरा तक पूरी तरह नहीं दिख रहा था। अधिवक्ता श्री मिश्रा ने सीधी जिले के जन प्रतिनिधियों की सोची समझी साजिश के तहत् की गई अवमानना की निंदा करते हुये कहा है कि इसका जवाब सीधी, सिंगरौली जिले एवं ब्योहारी विधान सभा की जनता देगी।