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माखनलाल विवि के पूर्व वीसी सहित 20 प्रोफेसर्स पर धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र का केस

भोपाल(ईन्यूज एमपी)- माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बृजकिशोर कुठियाला सहित 20 प्रोफेसर्स के खिलाफ रविवार को ईओडब्ल्यू ने धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र की एफआईआर दर्ज कर ली है। ईओडब्ल्यू ने एफआईआर में जिक्र किया है कि 2003 से 2018 के बीच संस्थान में यूजीसी के नियमों के विपरीत अपात्र व्यक्तियों की नियुक्ति की गई है। कुठियाला ने विश्वविद्यालय के अकाउंट से संघ से जुड़ी संस्थाओं व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सहित अन्य संस्थाओं को मनमाने भुगतान किए हैं। इसके अलावा खुद व परिवार के सदस्यों पर भी खर्च किया।

खास बात यह है कि विवि के रजिस्ट्रार दीपेंद्र सिंह बघेल ने दो दिन पहले ईओडब्ल्यू को इन गड़बड़ियों पर एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र लिखा था। लेकिन रविवार शाम 5 बजे एफआईआर दर्ज करने के बाद विश्वविद्यालय में हलचल तेज हो गई और विरोध शुरू हो गया। इसके बाद बघेल ने कहा कि ईओडब्ल्यू को जांच के बाद ही कार्रवाई करना थी, क्योंकि पहले जो जांच हुई है वह प्रारंभिक रिपोर्ट थी।

20 लोगों में कुछ नाम दिग्विजय शासनकाल के भी : एफआईआर में प्रो बृजकिशोर कुठियाला के अलावा डॉ. अनुराग सीठा, डॉ. पी शशिकला, डॉ. पवित्र श्रीवास्तव, डॉ. अविनाश बाजपेयी, डॉ. अरुण कुमार भगत, प्रोफेसर संजय द्विवेदी, डॉ. मोनिका वर्मा, डॉ. कंचन भाटिया, डॉ. मनोज कुमार पचारिया, डॉ. आरती सारंग, डॉ. रंजन सिंह, सुरेंद्र पॉल, डॉ. सौरभ मालवीय, सूर्यप्रकाश, प्रदीप कुमार डेहरिया, सत्येंद्र कुमार डेहरिया, गजेंद्र सिंह अवश्या, डॉ. कपिल राज चंदोरिया और रजनी नागपाल के नाम शामिल है। इसमें ऐसे भी नाम शामिल हैं जिनकी नियुक्ति दिग्विजय शासनकाल में हुई। इसमें डॉ. पवित्र श्रीवास्तव, डॉ. आरती सारंग आदि थे।

कमेटी की जांच के बाद सामने आई थीं ये गड़बड़ियां : कांग्रेस सरकार ने पत्रकारिता विवि में हुई नियुक्तियों व आर्थिक गड़बड़ियों की जांच के लिए कमेटी बनाई थी। इसकी जांच रिपोर्ट में कई अनियमितताएं सामने आई थी। इसके अनुसार कुठियाला ने 2010 से 2018 के बीच एबीवीपी को 8 लाख रुपए, राष्ट्रीय ज्ञान संगम के लिए 9.50 लाख रुपए, जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र द्वारा श्रीश्री रविशंकर के आश्रम में आयोजित राष्ट्रीय विद्वत संगम के लिए 3 लाख रुपए, भारतीय वेब प्राइवेट लि. नागपुर को 46.607 रुपए का भुगतान किया था।

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