भोपाल(ईन्यूज एमपी)- राजधानी की विशेष अदालत ने हत्या के मामले में आरोपित पूर्व मंत्री लालसिंह आर्य की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने कहा कि आरोपित के खिलाफ पूर्व में भिंड की विशेष अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। आरोपित निरंतर गिरफ्तारी से बचता रहा है। गंभीर अपराध होने से उसे अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। वहीं पूर्व मंत्री आर्य ने जमानत अर्जी पर तर्क दिया था कि उन्हें राजनीतिक द्वेष के चलते झूठा फंसाया गया है। यह है मामला वर्ष 2008 में विधानसभा चुनाव में माखन सिंह जाटव कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। चुनाव के दौरान उनका भाजपा नेता लालसिंह आर्य से विवाद हुआ था। इसके चलते लालसिंह ने सार्वजनिक रूप से माखन सिंह जाटव को जान से मारने की धमकी दी थी। वर्ष 2009 में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस विधायक माखन सिंह जाटव की हत्या हो गई। इस मामले पुलिस जांच के दौरान लालसिंह आर्य को आरोपी नहीं बनाया गया था। इस बात पर राजनैतिक स्तर पर काफी हंगामे की स्थिति बनी थी। मामले में सीबीआई जांच भी की गई और मामला भिंड की विशेष अदालत से इंदौर उच्च न्यायालय तक पहुंचा। बाद में इंदौर उच्च न्यायालय ने पुन: मामले में भिंड विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया। भिंड अदालत में सुनवाई के दौरान लाल सिंह आर्य मंत्री पद पर थे और उनके खिलाफ सात बार गिरफ्तारी वारंट जारी किए जा चुके थे। अंतिम बार आर्य के खिलाफ वर्ष 2017 में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। भोपाल में एमपी एमएलएके खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत को मामले की सुनवाई स्थानांतरित कर दी गई।