सीधी - जनपद पंचायत सीधी की ग्राम पंचायत चूल्ही में आज विशेष ग्रामसभा का आयोजन कर संकल्प पारित किया गया कि यदि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच करते पाया जाता है तो पहली बार उसे खुले में शौच न करने की समझाईस दी जाएगी। यदि वह व्यक्ति फिर भी दूसरी बार खुले में शौच करते पाया जाता है तो उस पर 100 रूपये जुर्माना किया जाएगा। यदि पुनः खुले में शौच करते पाया गया तो उस व्यक्ति का सार्वजनिक स्थानों में नाम चस्पा किया जाएगा। पुनः शौच करते पाया गया तो 15 दिवस के लिए उसे पुलिस हिरासत में भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत चूल्ही खुले में शौचमुक्त होने वाली जिले की तीसरी पंचायत बन गई है। इससे पूर्व जनपद पंचायत रामपुर नैकिन की ग्राम पंचायत गुजरेड एवं जनपद पंचायत कुसमी की ग्राम पंचायत लुरघुटी को खुले में शौचमुक्त ग्राम पंचायत घोषित किया जा चुका है। जिला पंचायत अध्यक्ष अभ्युदय सिंह ने इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि खुले में शौचमुक्त करने के लिए ग्राम पंचायत के ग्रामीण बराबर के साझीदार हैं। अब उनका कर्तव्य है कि वे खुले में शौच करने न जाए बल्कि अपने घरों के शौचालय में ही शौच करें। इसका पहला फायदा यह होगा कि उनके बच्चों को विभिन्न बीमारियों से मुक्ति मिलेगी। ग्रामीण स्वच्छता अपनाएं और स्वस्थ्य रहें। उन्होंने कहा कि यह ग्राम बढ़ौरा शिव मंदिर के लिए पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है। अतः इसकी प्रसिद्धि को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण संकल्प लें कि वे बाहर शौच करने नहीं जाएंगे। जिले की यह तीसरी ग्राम पंचायत है जो खुले से शौचमुक्त घोषित की गई है। इसलिए ग्रामीणों का भी कर्तव्य है कि वे खुले में शौच न करने के लिए संकल्पित हों। इसके लिए किसी निगरानी दल की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य रघुराज सिंह, श्रीमती शॉति कोल, सरपंच श्रीमती रेखा विश्वकर्मा, श्रीमती सुनीता सिंह, प्रदीप विश्वकर्मा, प्रेमवती सिंह, हनुमान विश्वकर्मा, एसडीएम. शैलेन्द्र सिंह, तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव, जनपद के सीईओ नीलकण्ठ मरकाम सहित भारी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि लुरघुटी ग्राम पंचायत के बाद यह दूसरी ग्राम पंचायत है जहॉ की सरपंच महिला है जिसके नेतृत्व में पंचायत को खुले से शौचमुक्त घोषित किया गया है। यह नारी शक्ति का द्योतक है। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सिंह ने चूल्ही ग्राम पंचायत को खुले में शौचमुक्त होने की घोषणा की और ग्राम पंचायत को प्रोत्साहन राशि दो लाख रूपये देने की भी घोषणा की। इसके लिए सरपंच श्रीमती रेखा विश्वकर्मा को हार्दिक बधाईयॉ। कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने सम्बोधित करते हुए कहा कि ग्राम पंचायत के ग्रामीणजनों ने आज बहुत बड़े पुण्य का काम किया है और इसके परिणामस्वरूप ग्राम पंचायत में हम उत्सव मना रहे हैं। स्वच्छता अपनाने के लिए बढ़ौरा के शंकर जी भी भारी प्रसन्न होंगे। ग्रामीणों ने स्वच्छता अपना कर आस्था जीवित कर दी है। ग्रामीणों को शौचालय में ही शौच करने के लिए निगरानी समिति गांव में अल सुबह से घूमती थी और देखती थी कि कही कोई ग्रामीण खुले में शौच करने तो नहीं गया है लेकिन अब ग्राम पंचायत को खुले में शौचमुक्त घोषित करने से ग्रामीणों का भी कर्तव्य हो गया है कि वे खुले में शौच करने न जांय। इसके लिए वे अपने बच्चों से बेहतर उदाहरण लें जो कि सुबह जगकर ग्राम का फेरा लगाते थे कि कहीं कोई व्यक्ति बाहर शौच करने तो नहीं गया है। अतः ग्रामीण जागरूक बनकर अपना कर्तव्य निभाएं और बीमारी से दूर रहें। इस ग्राम पंचायत की श्रीमती रेखा विश्वकर्मा जिले की दूसरी महिला सरपंच हैं जिन्होंने स्वच्छता की दिशा में अच्छा काम किया है। उन्होंने लोगों की विचारधारा में परिवर्तन किया है। सरपंच श्रीमती रेखा विश्वकर्मा ने बताया कि ग्राम पंचायत में पूर्व में ग्रामीणों के घरों में 124 शौचालय बनाए गए थे इसके पश्चात 155 शौचालय और बनाए गए हैं। स्वच्छता अपनाने की इस ग्राम की विशेष बात यह रही कि निगरानी समिति में महिलाएं भी शामिल हैं जो कि सुबह घुमकर देखती हैं कि कहीं कोई बाहर शौच के लिए तो नहीं गया है। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सिंह एवं कलेक्टर श्री गढ़पाले ने निगरानी समिति के सदस्यों एवं प्रेरकों को प्रमाण-पत्र एवं मेडल देकर सम्मानित किया। जिला पंचायत अध्यक्ष, कलेक्टर एवं ग्रामीणों ने ग्राम की मुख्य सड़क पर ग्राम में होते हुए गौरव यात्रा निकाली।