भोपाल(ईन्यूज एमपी)- प्रदेश सरकार नर्मदा किनारे लगवाए गए पौधों की जांच करवाएगी। यह देखा जाएगा कि नर्मदा किनारे और विभिन्न जिलों में पौधरोपण के जो दावे किए गए थे उनमें कितनी हकीकत है। पिछली सरकार ने नर्मदा किनारे व अन्य स्थानों पर साढ़े सात करोड़ से अधिक पौधे लगाने का दावा किया था। इसके पहले भी करोड़ों पौधे लगाने के दावे तत्कालीन भाजपा सरकार ने किए थे। अब कांग्रेस सरकार यह जांच करवाने की तैयारी कर रही है कि हकीकत क्या है। वाकई में इतने पौधे लगाए गए थे या नहीं। अगर लगाए गए थे तो वर्तमान में इनकी क्या स्थिति है। हालांकि सरकार ने शुरू से ही पूर्व सरकार के दावे को संदेह के घेरे में रखा था। थर्ड पार्टी से जांच करवाने की तैयारी: कृषि और उद्यानिकी मंत्री सचिन यादव ने नमामि देवी नर्मदे के तहत लगाए गए पौधे और अन्य स्थानों पर लगाए गए पौधों की जांच थर्ड पार्टी से करवाने का ऐलान किया है। नर्मदा किनारे पिछले तीन साल में लगे साढ़े सात करोड़ से ज्यादा पौधों की मैदानी हकीकत पता लगवाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। इसके तहत सबसे पहले उद्यानिकी विभाग के अंतर्गत खरीदे गए 40 करोड़ से ज्यादा के पौधों की खरीदी और पौधारोपण की जांच होगी। इसके बाद बाकी विभागों से हर साल लगे पौधे और मौके की पड़ताल चलेगी। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में सरकार बनने पर पौधारोपण की जांच का वादा किया था। कृषि और उद्यानिकी मंत्री सचिन यादव ने कहा है कि सरकार इस दिशा में आगे बढ़ेगी। थर्ड पार्टी में यह होंगे शामिल: नमामि देवी नर्मदे में प्रदेश के 16 ही जिलों में हुए पौधारोपण की सच्चाई पता लगाई जाएगी। थर्ड पार्टी में सरकारी अफसर, पर्यावरणविद्, पूर्व अधिकारी व्हिसल ब्लोअर और विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। ये जांच दो तरह से होगी। पहले योजना में पौधों की खरीदी, इसकी प्रक्रिया, पारदर्शिता, सप्लाय से लेकर इनके संबंधित स्थान पर लगने जैसे हर बिंदु को जांचा जाएगा। इसी के साथ जिन जिलों में करोड़ों पौधे लगाए गए है, वहीं पर जमीनी स्तर पर परीक्षण कराया जाएगा। अगर ये सामने आएगा कि सच्चाई में पौधे गायब है तो दोषी अफसरों पर कार्रवाई होगी। मंडियों में सुरक्षा और भोजन में गड़बड़ी: यादव ने मंडियों की सुरक्षा व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सुरक्षाकर्मियों की संख्या और मौके पर निरीक्षण में आधे भी नहीं मिलते हैं। सुरक्षा में चूक हो रही है। मंडियों में किसानों को 5 रुपए में भोजन नहीं मिल रहा है। बैठने की व्यवस्था नहीं है। किसानों के भोजन का रिकॉर्ड मांगा तो पता चला कि कोई हिसाब-किताब नहीं है। प्रदेश में मॉडल मंडी की शुरूआत करेंगे। वेयर हाउस में अनाज रख सकेंगे। वन मंत्री भी सक्रिय: इस पूरे मामले में वन मंत्री उमंग सिंघार भी सक्रिय हो गए हैं। विभिन्न जिलों के डीएफओ से भी रोपे गए पौधों का पूरा ब्यौरा मांगा गया है। सिंघार ने भी इस मामले में जांच की बात कही है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।