रायपुर(ईन्यूज एमपी)-राज्य मंत्रिमंडल की सोमवार को होने वाली बैठक में राज्य सरकार मुफ्त में मोबाइल फोन बांटने की स्काई योजना को बंद करने का फैसला करने जा रही है। यह पिछली भाजपा सरकार की पहली ऐसी योजना होगी जिसे नई सरकार बाकायदा कैबिनेट में लाकर बंद करेगी। इसके बाद बचे हुए 6 लाख मोबाइल सेट्स को वापस किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को अपने विभागों की बैठक में स्काई योजना की समीक्षा करते हुए अफसरों से तीन दिन में रिपोर्ट मांगा था। खबर है कि अफसर ने अपनी ओर से योजना को बंद करने की सिफारिश कर दी है। भाजपा सरकार ने प्रदेश में लोगों की कनेक्टिविटी बढ़ाने और 10 हजार लोगों को रोजगार मिलने के दावे के साथ यह योजना शुरू की थी। इस पर करीब 1500 करोड़ रुपए खर्च होने थे। इसके तहत 50.15 लाख महिलाओं-युवतियों को मोबाइल बांटने की योजना थी। विधानसभा चुनावों से पहले तक 29 लाख से अधिक मोबाइल बांटे जा चुके थे। नई सरकार बनने के बाद अफसरों के साथ पहली पहली बैठक में ही सीएम भूपेश बघेल ने तत्काल प्रभाव से फोन वितरित पर रोक लगाने का आदेश दिया था। फिलहाल 6 लाख मोबाइल नया रायपुर स्थित गोदाम में डम्प पड़े हैं। हालांकि मोबाइल बनाने वाली कंपनी के लोग नई सरकार में अपने संपर्कों के जरिए योजना को नए स्वरूप में लाने जुगत बिठा रहे हैं लेकिन चिप्स और आईटी विभाग ने योजना को वाइंडअप मानते हुए कंपनी के बकाया बिल पर निर्णय लेने सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। सूत्रों के अनुसार राज्य की ओर से शुरू में कंपनी को 200 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था। यह राशि प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए एडवांस के रूप में दी गई थी। नई राजनीतिक परिस्थितियों के बाद से कंपनी का बकाया 12-1300 करोड़ रुपए भी रोक दिया गया है।