भोपाल(ईन्यूज एमपी)- नोटबंदी के दौरान मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में जिन लोगों का एकाएक करोड़ों रुपए का टर्नओवर बढ़ गया था, अब उनके हिसाब-किताब की पड़ताल और टैक्स वसूली आयकर विभाग करेगा। इसके अलावा विभाग की खुफिया विंग (इंटेलीजेंस एंड क्रिमनल इन्वेस्टीगेशन) द्वारा 30 लाख रुपए से अधिक की खरीद-फरोख्त वाले संदिग्ध मामलों में छानबीन और टैक्स निर्धारण भी किया जाएगा। मप्र-छग में नोटबंदी (नवंबर 2016) के दौरान जिन लोगों ने अचानक अपना टर्नओवर करोड़ों रुपए बढ़ाकर दिखाया था वे सभी मामले अब आयकर के रडार पर हैं। एक अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 के वित्त वर्ष के सभी मामलों के कर निर्धारण का समय आ गया है। नोटबंदी के दौरान दोनों राज्यों में बैंकों में जिन लोगों ने भारी भरकम रकम जमा कराई एवं ऐसे कारोबारियों, जिन्होंने अचानक अपना टर्नओवर करोड़ों रुपए बढ़ाकर दिखाया, अब उनके आयकर विवरण और टर्नओवर की पड़ताल के बाद टैक्स निर्धारण किया जाएगा। जिन मामलों में विभाग को संदेह है उनमें पूछताछ और दस्तावेज आदि तलब किए जाएंगे। विभाग के असेसमेंट ऑफिसर जांच और कर निर्धारण के बाद ऑर्डर जारी करेंगे। एक लाख प्रकरण चिन्हित विभाग की खुफिया विंग (आईएंडसीआई) ने दोनों राज्यों के धन्नाासेठों और कारोबारियों के बड़े खर्चे एवं 30 लाख रुपए से अधिक रकम की प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त के करीब एक लाख प्रकरण चिन्हित किए हैं। ऐसे सभी प्रकरणों को खुफिया विंग हर साल सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस को भेजता है, जहां से ये मामले वापस संबंधित कमिश्नरेट में छानबीन के लिए आते हैं। संदिग्ध पाए जाने पर प्रकरण को आयकर अधिनियम की धारा 147 के तहत पुन: खोलकर नोटिस देने की कार्रवाई की जाती है। कर्मचारियों के खातों में बड़ी रकम खुफिया विंग ने जो एक लाख प्रकरण निकाले हैं उनमें से हजारों मामलों में बड़ी टैक्स वसूली की उम्मीद है। इनमें कई प्रकरण तो बेनामी संपत्ति कानून के भी बन रहे हैैं। आयकर विभाग के सामने कई मामले ऐसे भी हैं जिनमें गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के खाते में एकाएक लाखों-करोड़ों जमा कराए गए थे। ऐसे प्रकरणों का विभाग के सामने संबंधित व्यक्ति द्वारा पेश किए गए आय-व्यय विवरण से मिलान नहीं हो रहा है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि ऐसे मामलों में बेनामी संपत्ति अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया जाएगा। यदि संबंधित करदाता उक्त संपत्ति अथवा नकदी रकम स्वीकार करता है तो विभाग टैक्स और जुर्माने की राशि जमा कराने की कार्रवाई करेगा। जिन लोगों ने अपने कर्मचारियों, ड्राइवर अथवा अन्य किसी व्यक्ति के नाम पर नकदी जमा कराई अथवा संपत्ति पंजीकृत की है ऐसे लोग निशाने पर रहेंगे।