दिल्ली(ईन्यूज एमपी)-संसद के शीतकालीन सत्र में लगातार छठे दिन भी हंगामा जारी रहा और दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही. राफेल से लेकर कावेरी बांध जैसे मुद्दों पर लोकसभा और राज्यसभा के भीतर गतिरोध देखने को मिला. लोकसभा में हंगामे से नाराज स्पीकर सुमित्रा महाजन ने मंगलवार को सांसदों को फटकार लगाई. सुमित्रा महाजन ने कहा कि क्या हम स्कूली बच्चों से भी गए-गुजरे हो गए हैं. सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे शुरू होने पर बीजेपी, कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, टीडीपी सदस्य अपने अपने मुद्दों को लेकर शोर शराबा कर रहे थे. कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, टीडीपी सदस्य अध्यक्ष के आसन के करीब आकर नारेबाजी कर रहे थे. इस पर सुमित्रा महाजन ने कहा कि मैं समझ सकती हूं कि यह वर्तमान लोकसभा का आखिरी पूर्ण सत्र है और आप लोगों के अपने अपने मुद्दे हैं. संसद चर्चा के लिए है और सरकार चर्चा के लिए तैयार है. लेकिन शोरगुल सही तरीका नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर आपके मुद्दे हैं तो मैं खुद सरकार से कहूंगी कि चर्चा कराई जाए. लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों से कहा कि विदेश के शिष्टमंडल आते हैं और लोग पूछते हैं कि आपके यहां क्या हो रहा है. स्कूली बच्चों के मैसेज आ रहे हैं कि हमारे स्कूल बेहतर चलते हैं. क्या अब हम स्कूली बच्चों से भी गए-गुजरे हो गए हैं? राफेल मामले पर कांग्रेस की जेपीसी बनाने की मांग पर सुमित्रा ने कहा कि जेपीसी मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. इस बीच, सदन में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने राफेल मामले पर जेपीसी के गठन की मांग दोहराते हुए कहा कि सरकार को यह मांग स्वीकार करनी चाहिए और जेपीसी के सामने सुप्रीम कोर्ट में उल्लेखित CAG रिपोर्ट आनी चाहिए और विमान की कीमत, दूसरे दस्तावेजों की जांच होनी चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ‘दूध का दूध, पानी का पानी’ हो गया है. सरकार राफेल मामले पर चर्चा के लिए तैयार है. सदन में पिछले 6 कामकाजी दिनों में राफेल मामले, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग और तमिलनाडु में कावेरी डेल्टा के किसानों के मुद्दों को लेकर हंगामा हुआ है. इस वजह से कार्यवाही लगातार बाधित रही है.