इंदौर(ईन्यूज एमपी)- सेंट्रल जेल के करीब 100 सजायाफ्ता कैदियों की पीड़ा है कि वे अपने बच्चों से नहीं मिल पा रहे हैं। उनके बच्चों की परवरिश, शिक्षा और भरण-पोषण भी ठीक से नहीं हो रहा है। कई कैदियों के बच्चों को तो भीख मांगकर गुजारा करना पड़ रहा है। वहीं कई कैदियों का कहना है कि उनके परिवार के सदस्य ही उनके बच्चों से नहीं मिलने दे रहे हैं तो कई परिवार आर्थिक हालत कमजोर होने के कारण बच्चों को उनके माता-पिता से मिलवाने इंदौर जेल में लेकर नहीं आ पा रहे हैं। ऐसे में अब इन कैदियों ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों से गुजारिश की है कि उन्हें उनके बच्चों से मिलवाया जाए और उनके भरण-पोषण, शिक्षा व पुनर्वास का उचित इंतजाम किया जाए। इन कैदियों में करीब 25 महिला तो 75 पुरुष हैं। इनमें से कुछ कैदी पंजाब, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों से तो कुछ मप्र के धार, झाबुआ, पेटलावद, मनावर, खंडवा, भीकनगांव, बुरहानपुर जिले के हैं। इनमें से कोई अपने पति की हत्या में तो कोई अपनी पत्नी की हत्या में या अन्य अपराध के मामले में सजा काट रहा है। आठ बच्चे पंजाब में भीख मांग रहे सेंट्रल जेल में पंजाब के रहने वाले 45 वर्षीय कैदी की पीड़ा है कि वो आठ साल से अपने बच्चों से नहीं मिला है। उसके आठ बच्चे हैं, जो पंजाब के होशियारपुर जिले में भीख मांगकर जीवनयापन कर रहे हैं। उसने बाल कल्याण समिति से गुजारिश की है कि बच्चों को इंदौर लाया जाए, ताकि वो उनसे मिल सके और देख सके। उसने बच्चों के रहने-खाने व शिक्षा की व्यवस्था करने की भी गुजारिश की है।