नई दिल्ली : चार मैचों की सीरीज के आखिरी टेस्ट मैच में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 337 रनों से हरा दिया। इस तरह भारत ने 3-0 से सीरीज पर कब्जा कर लिया। दक्षिण अफ्रीका की पूरी टीम दूसरी पारी में 143 रन पर ऑल आउट हो गई। दूसरी पारी में आर अश्विन ने 5 विकेट चटकाए। इस मैच के दोनों पारियों में शतक जमाने वाले रहाणे मैन ऑफ द मैच चुने गए जबकि 31 विकेट लेने वाले अश्विन को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया। भारत टेस्ट रैंकिंग में दूसरे स्थान पर पहुंचा। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चौथे और आखिरी क्रिकेट टेस्ट का अंतिम स्कोर इस प्रकार है- भारत पहली पारी : 334 रन दक्षिण अफ्रीका पहली पारी : 121 रन भारत दूसरी पारी : पांच विकेट पर 267 रन (घोषित) दक्षिण अफ्रीका दूसरी पारी : 143 रन रविचंद्रन अश्विन की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए चौथे और आखिरी क्रिकेट टेस्ट में टीम को 334 रन से जीत दिलाई और इसके साथ ही मेजबान ने चार मैचों की सीरीज 3-0 से ऐतिहासिक अंतर से जीत ली। जीत के लिये 481 रन के लगभग नामुमकिन लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका अत्यंत रक्षात्मक खेल के बावजूद 143.1 ओवर में 143 रन पर आउट हो गई। आखिरी पांच विकेट नाटकीय ढंग से सिर्फ सात रन के भीतर गिरे। इस जीत के साथ ही भारत आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में भी दूसरे नंबर पर पहुंच गया। अश्विन ने मोर्नी मोर्कल को बोल्ड करके दक्षिण अफ्रीका की पारी का अंत किया। इस सीरीज में भारत के सबसे कामयाब गेंदबाज अश्विन ने 49.1 ओवर में 61 रन देकर पांच विकेट लिये। कप्तान विराट कोहली और मैन ऑफ द मैन अजिंक्य रहाणे ने सोवेनियर स्टम्प्स उठाये। खिलाड़ियों ने जीत का जश्न मनाने के साथ दर्शकों को भी धन्यवाद दिया जिन्होंने खड़े होकर उनका अभिवादन किया था। एबी डिविलियर्स के 297 गेंद में 43 रन की बदौलत एक समय दक्षिण अफ्रीका ड्रॉ की तरफ बढता दिख रहा था लेकिन आखिरी सत्र में भारतीय गेंदबाजों ने मैच का नक्शा बदल दिया। तेज गेंदबाज उमेश यादव ने तीन विकेट लिये जबकि अश्विन ने डिविलियर्स की पारी का अंत किया। अश्विन की करिश्माई ऑफ ब्रेक गेंद पर डिविलियर्स ने अजीब तरीके से खेला और लेग स्लिप में जडेजा को कैच दे बैठे। इससे पहले वनडे और टी20 सीरीज हारने वाली भारतीय टीम के जख्म इस जीत से कुछ हद तक भरे होंगे। उमेश यादव को भी जीत का श्रेय जाता है जिन्होंने 21 ओवर में सिर्फ नौ रन देकर तीन विकेट लिये। उन्होंने आखिरी सत्र में डेन विलास और काइल एबोट के बोल्ड किया जबकि डेन पीएट ने विकेट के पीछे ऋधिमान साहा को कैच थमाया। लंच के बाद ही जीत की उम्मीदें बढ गई थी जब फाफ डु प्लेसिस को रविंद्र जडेजा ने पगबाधा आउट किया। डु प्लेसिस ने 97 गेंद में 10 रन बनाये। अश्विन ने जेपी डुमिनी (0) को सीरीज में अपना 30वां शिकार बनाया जो पगबाधा आउट हुए। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने सुबह के सत्र में 31 ओवरों में सिर्फ 42 रन बनाये थे। आखिरी सत्र शुरू होने पर लगा था कि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दक्षिण अफ्रीका अपने सबसे मुश्किल ड्रॉ की ओर बढेगा। भारतीय गेंदबाजों ने हालांकि उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज डिविलियर्स ने अकेले किला लड़ाने की कोशिश की और दिखा दिया कि बेहतरीन खिलाड़ी कैसे हालात के मुताबिक अपने खेल को बदल सकते हैं। दुनिया के सबसे खतरनाक टी20 बल्लेबाज ने बेहद संयम का प्रदर्शन किया और संभलकर रन बनाये। सुबह के सत्र में जडेजा ने अमला को बेहद खूबसूरत गेंद पर पवेलियन भेजा था। कप्तान अमला ने खाता खोलने के लिये 46 गेंदों का इंतजार किया था। डु प्लेसिस ने 52 डॉट गेंद खेलकर 53वीं गेंद पर खाता खोला। इससे पहले डु प्लेसिस ने एडीलेड (2012) में इस तरह का रक्षात्मक खेल दिखाते हुए सात घंटे 46 मिनट क्रीज पर रहकर 110 रन बनाये थे। उनकी इस पारी के कारण ऑस्ट्रेलिया तय लग रही जीत से वंचित रह गया था। उस समय भी उनके जोड़ीदार डिविलियर्स थे जिन्होंने 220 गेंद में 33 रन बनाये थे। डु प्लेसिस ने खाता खोलने के लिये सबसे ज्यादा गेंदें लेने के मामले में ग्रांट फ्लावर (2000 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 51 गेंद) को भी पछाड़ा। अब वह इस सूची में तीसरे नंबर पर आ गए हैं। अमला का स्ट्राइक रेट 10.44 का रहा लेकिन उन्होंने रक्षात्मक खेल का नायाब नमूना पेश किया। उन्होंने सिखाया कि लगभग हारे हुए मैच का रूख ड्रॉ की ओर कैसे किया जाता है। कोटला की सपाट हो चुकी विकेट से सुबह फायदा मिला लेकिन 160 ओवर खेलकर मैच बचाना कभी आसान नहीं होता । दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने इस कदर रक्षात्मक खेल दिखाया कि जडेजा ने 46 में से 33 ओवर मैडन फेंके।